Parliament Special Session: कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने पहलगाम आतंकवादी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और युद्ध विराम की घोषणाओं पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग दोहराया है. उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.
कांग्रेस ने संसद का एक विशेष सत्र बुलाकर चर्चा की मांग की
कांग्रेस ने विस्तृत चर्चा के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक की मांग भी की है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार से कई सवाल पूछे. उन्होंने सवाल किए कि क्या नयी दिल्ली ने भारत एवं पाकिस्तान के बीच तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के लिए दरवाजे खोले हैं और क्या पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक माध्यम खोले गए हैं. रमेश की यह टिप्पणी भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक सीमा पार से जारी रहे ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद शनिवार को तत्काल प्रभाव से जमीन, हवा और समुद्र पर सभी गोलेबारी और सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति बनने के आई.
Congress President and Leader of Opposition in Rajya Sabha Mallikarjun kharge writes to PM Modi, reiterating the Opposition's unanimous request for a special session of Parliament to discuss the Pahalgam terror attack, Operation Sindoor and the ceasefire announcements—first by… pic.twitter.com/kVFkxmevhe
— ANI (@ANI) May 11, 2025
क्या हमने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए दरवाजे खोल दिए हैं?
जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद के लिए तटस्थ मंच का उल्लेख अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा किया जाना कई सवाल खड़े करता है. रमेश ने कहा, “क्या हमने शिमला समझौते को छोड़ दिया है? क्या हमने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए दरवाजे खोल दिए हैं?” उन्होंने कहा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह पूछना चाहती है कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक चैनल दोबारा खोले जा रहे हैं? हमने पाकिस्तान से कौन सी प्रतिबद्धताएं मांगी हैं और हमें क्या मिला है?”
जयराम रमेश ने पीएम मोदी से मांगा जवाब
कांग्रेस नेता रमेश ने भारत और पाकिस्तान के बीच बनी सहमति पर दो पूर्व सेना प्रमुखों वी पी मलिक एवं मनोज नरवणे की कथित टिप्पणियों का भी उल्लेख किया और कहा कि इन टिप्पणियों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वयं जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा, “अंत में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मानती है कि इस समय देश का (पूर्व प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी जी की असाधारण साहसिक और दृढ़ नेतृत्व क्षमता को याद करना स्वाभाविक है जो उन्होंने 1971 में प्रदर्शित की थी.”