Waqf Amendment Act: वक्फ संशोधन अधिनियम (Waqf Amendment Act) आज से देश में लागू हो गया. जिसे लोकसभा में 3 और राज्यसभा ने 4 अप्रैल की मध्य रात्रि के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक पारित किया था. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल को प्रस्तावित कानून को अपनी मंजूरी दे दी थी.
कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई अर्जी दायर
बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने विधेयक का समर्थन किया, वहीं विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन ने इसका विरोध किया. कई मुस्लिम संगठनों और विपक्षी सांसदों ने कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सरकार ने कानून को पारदर्शिता बढ़ाने और पिछड़े मुसलमानों, समुदाय की महिलाओं के लिए सशक्तीकरण का कदम बताया है. वहीं, विपक्ष ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए कहा है कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम मुसलमानों के अधिकारों का हनन करता है.
वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में मणिपुर में निकाली गईं रैलियां
मणिपुर के इंफाल ईस्ट और बिष्णुपुर जिलों में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ मंगलवार को रैलियां निकाली गईं. बिष्णुपुर जिले के क्वाकता में प्रदर्शनकारियों ने वक्फ संशोधन अधिनियम को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए नारे लगाए और चार किलोमीटर तक मार्च किया. विरोध मार्च में बुर्का पहने कई महिलाएं भी शामिल हुईं. प्रदर्शनकारी मोहम्मद नासिर ने कहा, “वक्फ अधिनियम संविधान का उल्लंघन करता है. यह अल्पसंख्यक मुसलमानों को निशाना बनाता है और एकजुट भारत की भावना को तोड़ने वाला कदम है. हम इस अधिनियम और हमारी पुश्तैनी संपत्तियों को हड़पने की सरकार की साजिश की निंदा करते हैं.”