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उत्तरी पश्चिम बंगाल में भारी बारिश की संभावना
पश्चिम बंगाल के उप-हिमालयी जिलों में दक्षिण पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने की संभावना के कारण लू से राहत मिलने की उम्मीद है. मौसम विभाग का कहना है कि राज्य के दक्षिणी जिलों में 13 जून तक भीषण गर्मी से जूझते रहेंगे. मौसम कार्यालय ने राज्य के उप-हिमालयी जिलों में मानसून से पहले की वर्षा होने का पूर्वानुमान जताया है. दक्षिण-पश्चिम मानसून के दो दिनों के भीतर सभी पूर्वोत्तर राज्यों और पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम की ओर बढ़ने की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक 13 जून तक भारी बारिश का अनुमान है.
गोवा में गर्मी के कारण 10 जून को स्कूल बंद रहेंगे
चिलचिलाती गर्मी के बीच गोवा सरकार ने शुक्रवार को स्कूल में छुट्टी की घोषणा की है. सरकार ने घोषणा की है कि 10 जून को उच्चतर माध्यमिक स्तर तक के सभी सरकारी स्कूल बंद रहेंगे. शिक्षा निदेशक शैलेश जिंगडे ने दिन में परिपत्र जारी कर शनिवार को स्कूलों को बंद रखने की घोषणा की है. परिपत्र में कहा गया है, प्रदेश में चिलचिलाती गर्मी तथा मानसून में देरी के कारण सक्षम प्राधिकारी द्वारा 10 जून को सभी संस्थानों को बंद करने का निर्णय लिया गया है.
मानसून बढ़ रहा आगे
मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों, केरल के शेष हिस्सों, तमिलनाडु के कुछ और हिस्सों, कर्नाटक के कुछ हिस्सों और दक्षिण-पश्चिम, मध्य और उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी के साथ-साथ उत्तर पूर्वी राज्यों के के कुछ हिस्सों में 9 जून की शाम तक दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं. स्काईमेट वेदर के मुताबिक, अगले 24 घंटों के दौरान, केरल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, पूर्वी असम और अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश संभव है.
गुवाहाटी में भारी बारिश के कारण शहर में जलभराव
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बिपरजॉय भारतीय तटों से दूर, कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं
आईएमडी डीजी डॉ मृत्युंजय महापात्रने कहा- बिपरजॉय भारतीय तटों से दूर है, इसलिए कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं है, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से गुजरात तट के पास तेज़ हवा की गति शुरू हो जाएगी... हम मछुआरों को सलाह दे रहे हैं कि वे मध्य अरब सागर में 13वें और 15वें तारीख उत्तरी अरब सागर तक न जाएं.
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झारखंड में कैसा रहेगा मौसम
आईएमडी वेदर एक अनुसार झारखंड में कोई महत्वपूर्ण सिनॉप्टिक प्रणाली प्रचलित नहीं है. वहीं, म्यांमार तट से दूर पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी पर चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक बना हुआ है.
