Social Security : सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में देश की 64.3 फीसदी आबादी का आ जाना निश्चित रूप से एक बड़ी उपलब्धि है, जो कल्याणकारी योजनाओं के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में ही बताती है. आइएलओ (अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन) ने हाल ही में भारत की इस उपलब्धि को सराहा है, जिसका जिक्र प्रधानमंत्री ने अपने साप्ताहिक रेडियो प्रोग्राम, ‘मन की बात’ में किया है. आइएलओ द्वारा सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में वृद्धावस्था, बीमारी, बेरोजगारी, विकलांगता, मातृत्व और काम के दौरान स्वास्थ्य सेवा और आय सुरक्षा की योजनाएं आती हैं.
आइएलओ ने भारत में केंद्र और राज्य सरकार की 32 योजनाओं के आंकड़े शामिल किये थे, जिनमें 24 पेंशन से जुड़ी योजनाएं थीं. इन योजनाओं में अटल पेंशन योजना, किसान सम्मान निधि, मनरेगा, जननी सुरक्षा योजना, पीएम पोषण जैसी योजनाएं शामिल थीं. भारत की इस उपलब्धि को रेखांकित करते हुए आइएलओ ने कहा है कि एक दशक में सामाजिक सुरक्षा के दायरे में वृद्धि की दर 45 फीसदी रही. गौरतलब है कि एक दशक पहले तक देश की 19 फीसदी जनसंख्या ही सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में थी. आइएलओ के अनुसार, भारत में हर तीन में से दो लोग सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में हैं.
भारत के 95 करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ मिलने का अर्थ यह है कि इनमें से ज्यादातर लोग कम से कम एक सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में तो हैं ही. लाभार्थियों की संख्या के लिहाज से भारत अब दुनिया में दूसरे स्थान पर है. हालांकि श्रम और रोजगार मंत्रालय के मुताबिक, आइएलओ का यह आंकड़ा केवल पहले चरण के बारे में बताता है. इस चरण में चयनित आठ राज्यों में केंद्रीय और महिला केंद्रित योजनाओं के लाभार्थी आंकड़ों पर ध्यान दिया गया है.
जबकि दूसरे चरण के आंकड़े सामने आने पर सामाजिक सुरक्षा योजना का दायरा सौ करोड़ के आंकड़े को पार कर जायेगा. बहुआयामी गरीबी में उल्लेखनीय कमी आने के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में यह उपलब्धि भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के साथ-साथ कल्याणकारी योजनाओं के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में भी बताती है. केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया के अनुसार, यह वृद्धि दुनियाभर में सामाजिक सुरक्षा कवरेज में सबसे तेज विस्तार को दर्शाती है, जो अंत्योदय के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता के बारे में बताती है.