IMF : आइएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) ने मौजूदा और अगले वित्त वर्षों में भारत की आर्थिक विकास दर में वृद्धि का जो अनुमान लगाया है, वह इस देश की बेहतर आर्थिक संभावनाओं के बारे में ही बताता है. हाल ही में आइएमएफ ने अपने ‘वर्ल्ड इकोनोमिक आउटलुक अपडेट’ में बताया है कि भारत की आर्थिक विकास दर इस साल और अगले साल अनुमानित 6.4 फीसदी रहने वाली है. जबकि अप्रैल में उसने मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर के 6.2 फीसदी और अगले वित्त वर्ष में 6.3 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया था.
भारत की विकास दर में अनुमानित वृद्धि का कारण उसने अधिक ‘अनुकूल बाहरी वातावरण’ और विगत अप्रैल की तुलना में ‘बेहतर वित्तीय स्थिति’ को बताया है. उसके मुताबिक, चीन की आर्थिक विकास दर इस साल 4.8 फीसदी और अगले साल 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है. जबकि उसने अमेरिका की आर्थिक विकास दर इस साल 1.9 प्रतिशत और अगले साल 2.0 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है. आइएमएफ ने एक बार फिर भारत को दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बताते हुए कहा है कि अगले दो साल तक कोई देश भारत को टक्कर देने की स्थिति में नहीं है. उसके मुताबिक, उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में भारत, चीन और इंडोनेशिया अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और खासकर भारत को बाहरी स्थिरता का लाभ मिल रहा है.
उसने वैश्विक विकास दर का अनुमान भी पहले की तुलना में बढ़ाया है. आइएमएफ का मानना है कि अमेरिकी टैरिफ में आशंकाओं के अनुरूप कम वृद्धि होने, अमेरिकी डॉलर के कमजोर पड़ने तथा वित्तीय स्थितियों में तुलनात्मक रूप से सुधार आने के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था के सुधरने की उम्मीद बनी है. बेहतर माॅनसून के कारण भारत में कृषि क्षेत्र के मजबूत बने रहने की संभावना है. ब्याज दर में कमी से जहां उद्योग क्षेत्र ज्यादा कर्ज लेगा और ज्यादा निवेश करेगा, वहीं वैश्विक स्तर पर भारत की मजबूत स्थिति का लाभ शेयर बाजार समेत दूसरे क्षेत्रों में देखने को मिलेगा.
गौरतलब है कि एशियाई विकास बैंक ने पिछले सप्ताह जारी अपनी रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर के 6.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया. जबकि रिजर्व बैंक ने जून की अपनी मौद्रिक समीक्षा में इस वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर के 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. इन अनुमानों से भी यह स्पष्ट है कि आर्थिक मोर्चे पर भारत की मजबूती जारी रहने वाली है.