23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

कनाडा में खालिस्तानी…, खुफिया एजेंसी सीएसआइएस ने स्वीकारी ये बात

Khalistani separatists : कनाडा में सत्ता परिवर्तन के बाद भारतीय चिंताओं की पुष्टि करती यह रिपोर्ट निश्चित तौर पर आश्वस्त करने वाली है. रिपोर्ट में कनाडा स्थित खालिस्तानी अलगाववादियों के सक्रिय समूह का भी जिक्र किया गया है, जो कनाडा में बैठकर स्वतंत्र खालिस्तान की योजना पर काम कर रहा है.

Khalistani separatists : कनाडा की खुफिया एजेंसी सीएसआइएस (कैनेडियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस) ने विगत 18 जून को 2024 की जारी की गयी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में पहली बार यह स्वीकार किया है कि खालिस्तानी अलगाववादियों का एक समूह भारत में हिंसा को बढ़ावा देने, पैसे जुटाने या योजना बनाने के लिए कनाडा की जमीन का इस्तेमाल कर रहे हैं. गौरतलब है कि 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के रिश्ते अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच गये थे. तब कनाडा में ट्रुडो की सरकार थी. तब भारत ने कनाडा स्थित अपने छह राजनयिकों को वापस बुला लिया था.

कनाडा में सत्ता परिवर्तन के बाद भारतीय चिंताओं की पुष्टि करती यह रिपोर्ट निश्चित तौर पर आश्वस्त करने वाली है. रिपोर्ट में कनाडा स्थित खालिस्तानी अलगाववादियों के सक्रिय समूह का भी जिक्र किया गया है, जो कनाडा में बैठकर स्वतंत्र खालिस्तान की योजना पर काम कर रहा है. रिपोर्ट कहती है कि बीती सदी के आठवें दशक के मध्य से कनाडा में राजनीतिक रूप से प्रेरित हिंसक अलगाववाद का खतरा खालिस्तानी अलगाववादियों के जरिये प्रकट हुआ है, जो भारत के पंजाब में स्वतंत्र खालिस्तान राष्ट्र के गठन के लिए हिंसक साधनों का उपयोग करना चाहते हैं. यह रिपोर्ट भारत के उस रुख की ही पुष्टि करती है कि कनाडा में खालिस्तानी समर्थक तत्व भयमुक्त होकर भारत-विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं.

रिपोर्ट में कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा पर खास चिंताओं और खतरों को भी रेखांकित किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा के खालिस्तानी अलगाववादियों का हिंसक गतिविधियों में भाग लेना कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा और इसके हितों के लिए खतरा बना हुआ है. रिपोर्ट में आदतन भारतीय अधिकरियों की गतिविधियों का भी हवाला दिया गया है. हालांकि कनाडा भारतीय हस्तक्षेप और जासूसी का जो कथित आरोप लगाता रहा है, जो कि इस रिपोर्ट में भी है, भारत उसे लगातार खारिज करता आया है.

रिपोर्ट में यह कहा गया है कि कनाडा के लिए सबसे बड़ा खुफिया खतरा चीन है. इसके अलावा पाकिस्तान, रूस और ईरान का भी नाम लिया गया है. यह अनायास नहीं है कि इस रिपोर्ट के जारी होने के एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कोनी ने जी-7 शिखर सम्मेलन में द्विपक्षीय संबंधों को फिर से सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया और आपसी संबंधों को मजबूत करने की शपथ ली. उम्मीद है कि यह रिपोर्ट भारत-कनाडा के संबंधों को अधिक व्यावहारिक और जिम्मेदार बनाने में मददगार साबित होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel