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सुनाई दे रही है बिहार के उज्ज्वल भविष्य की आहट

Khelo India Youth Games 2025 : भारत 2036 में ओलिंपिक खेलो की मेजबानी की गंभीर कोशिश में जुटा है. वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से देश में ओलिंपिक खेलों को लेकर एक दीर्घकालीन सोच के साथ काम करने की जुगत शुरू हुई. इसमें खेलो इंडिया गेम्स एक बड़ा माध्यम बना.

Khelo India Youth Games 2025 : बिहार का टाइम कब आयेगा? यह वह प्रश्न था जो बीते कई दशक से प्रदेश में ही नहीं, देश के अलग-अलग कोने में कौतूहल का विषय बना हुआ था. यह बात और है कि बिहार के लोगों ने देश और विदेश में अपनी प्रतिभा और मेहनत का लोहा मनवाया, पर प्रदेश की बीमारू व्यवस्था बिहार के लोगों की चिंता का सबब थी. बिहार का कल अति गौरवशाली था, पर भविष्य को लेकर चिंताएं थी. परंतु हाल के तीन बड़े संकेत आने वाले उज्ज्वल भविष्य की आहट हैं. बिहार से समस्तीपुर का 14 वर्ष का बिरला लड़का, इंडियन प्रीमियर लीग के मानचित्र पर हमेशा के लिए अपना नाम दर्ज करा जाता है. जी, वैभव सूर्यवंशी अब एक ऐसा नाम बन चुका है, जिसकी चर्चा घर-घर हो रही है. वैभव को अभी सचिन और विराट जैसा ध्रुवतारा बनने के लिए लंबा रास्ता तय करना है, परंतु उसका बल्ला और खेलने का अंदाज नयी सोच का परिचायक है.


दूसरी तरफ, बिहार इसी महीने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 की सफल मेजबानी कर अपनी क्षमता साबित कर चुका है. पटना, गया, राजगीर, भागलपुर और बेगूसराय में इन खेलों का आयोजन किया गया. इन खेलों का आगाज पटना के पाटलिपुत्रा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में भव्य उद्घाटन समारोह के साथ हुआ. यह बिहार के लिए गर्व की बात है कि राज्य ने रिकॉर्ड समय में इस प्रतिष्ठित खेल मेले के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लिया. पटना में आयोजित उद्घाटन समारोह अगर अब तक का सबसे बेहतरीन नहीं, तो किसी भी मायने में किसी भी उद्घाटन समारोह से कम नहीं था. इस समारोह की बेहतरीन बात वह वृहद चित्रण रहा, जिसे पंकज त्रिपाठी ने लोगों के सामने रखा. इससे पहले, मैथिली ठाकुर ने लोगों को अपनी आवाज से मंत्रमुग्ध कर दिया. उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने खास अंदाज में वैभव सूर्यवंशी जैसी विलक्षण प्रतिभा और राज्य में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स के महत्व का विशेष तौर पर जिक्र किया. बिहार में इस खेल का आयोजन इस बात का संकेत हैं कि देश में खेलों की क्रांति अब हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे पारंपरिक गढ़ से आगे जाकर देश के कोने-कोने तक फैल चुकी है. यह खेल में एक नये भारत का आगाज है.


राज्य में इन खेलों का आयोजन इस मायने में विशेष है कि राजगीर में बन रहा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, जहां खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के कई आयोजन हुए है, देश के किसी भी हिस्से में बने स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से कमतर नहीं है. बिहार ने हाल में कई विश्व स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया है. वर्ष 2024 में राजगीर में वूमन एशियन चैंपियनशिप का आयोजन हुआ, जिसका विजेता भारत बना. बीते वर्ष पटना में बिहार वॉलीबॉल लीग का आयोजन हुआ. कुछ महीने पहले राज्य ने सेपकटेक्राव वर्ल्ड कप का आयोजन किया जिसे डीडी स्पोर्ट्स और सोनी स्पोर्ट्स समेत बड़े चैनल पर प्रसारित किया गया. खेलो इंडिया यूथ गेम्स के बाद बिहार महिला वर्ल्ड कप की मेजबानी की तैयारी कर रहा है. जाहिर तौर पर, यूथ गेम्स का आयोजन महज एक अपवाद नहीं, बल्कि खेलों के आयोजन को लेकर बढ़ते भरोसे का परिचायक है. बिहार अब ओडिशा की तर्ज पर पूर्वी भारत में स्पोर्ट्स के आयोजन के एक बड़े केंद्र के रूप में उभर रहा है. बिहार का हालिया प्रदर्शन इसलिए भी प्रशंसनीय है कि राज्य में स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट ने कुछ वर्ष पहले ही काम करना शुरू किया है. इसमें राज्य सरकार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा रवींद्रन शंकरण जैसे अधिकारियों की भूमिका विशेष प्रशंसनीय है.


बतौर प्रसारणकर्ता और पत्रकार, मैं खेलो इंडिया गेम्स से लगभग उस समय से जुड़ा हूं जब से इन खेलों की नींव पड़ी है. भारत 2036 में ओलिंपिक खेलो की मेजबानी की गंभीर कोशिश में जुटा है. वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से देश में ओलिंपिक खेलों को लेकर एक दीर्घकालीन सोच के साथ काम करने की जुगत शुरू हुई. इसमें खेलो इंडिया गेम्स एक बड़ा माध्यम बना. एक दौर था, जब केवल राष्ट्रीय खेल होते थे और इनमें पांच से लेकर सात वर्ष का फासला हुआ करता था. पर 2014 के बाद प्रधानमंत्री ने तय किया कि जब तक इंडिया निरंतर खेलेगा नहीं, तब तक यहां के खिलाड़ी विश्व स्‍तर पर खिलेंगे नहीं. यहीं से खेलो इंडिया गेम्स की शुरुआत हुई. अब हर वर्ष, देश के अलग-अलग राज्य खेलो इंडिया यूथ गेम्स, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, खेलो इंडिया बीच गेम्स और खेलो इंडिया विंटर गेम्स का आयोजन करते हैं. जिस रात बिहार में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 का बेहतरीन आगाज हुआ, पटना के ताज होटल में मधुबनी की शांभवी झा को लेकर खास चर्चे थे. डेंटिस्ट से ब्यूटी क्वीन बनी शांभवी झा के आत्मविश्वास को देख दिग्गजों का कहना था कि शांभवी में बहुत आगे जाने का हुनर है. हाल में, वैभव, यूथ गेम्स और शांभवी झा का पदार्पण दर्शाता है कि आहिस्ते-आहिस्ते ही सही, बिहार का टाइम आ गया है.

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