27.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Budget 2024 : रोजगार बढ़ाने पर मुख्य ध्यान

देश की बड़ी कंपनियों द्वारा युवाओं को प्रशिक्षण देने तथा सरकार द्वारा प्रशिक्षुओं को वृत्ति देने की बात सराहनीय है.

Budget 2024 : आर्थिक सर्वेक्षण में प्रमुखता से रोजगार एवं कौशल की स्थिति पर विचार किया है. ये दोनों परस्पर संबंधित हैं. केंद्रीय बजट में भी रोजगार के मौके बढ़ाने को प्राथमिकता दी गयी है. इस संबंध में विभिन्न योजनाओं तथा प्रोत्साहन की घोषणा की गयी है. लेकिन अंतरिम बजट में जो इस संबंध में आवंटन प्रस्तावित था, वही आवंटन इस पूर्ण बजट में भी है. अलग से अतिरिक्त धन के लिए प्रावधान नहीं किया गया.

लेकिन सरकार ने इन पहलों द्वारा एक संदेश देने की कोशिश जरूर की है कि रोजगार बढ़ाना उसकी मुख्य प्राथमिकताओं में है. आर्थिक सर्वेक्षण में यह कहा गया है कि रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने के लिए निजी क्षेत्र को आगे आने की जरूरत है. बजट में जो प्रस्ताव हैं, उसमें भी यह दिखता है. निजी क्षेत्र रोजगार और प्रशिक्षण उपलब्ध कराने में आगे आयेगा तथा सरकार रोजगार देने वाले और रोजगार पाने वाले को कुछ वित्तीय सहायता मुहैया करायेगी. आर्थिक सर्वेक्षण की यह बात सही है कि निजी क्षेत्र को अनेक प्रकार की कर राहतें दी गयी हैं तथा उनके मुनाफे में भारी बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में यह उनका दायित्व बनता है कि वे रोजगार सृजन के लिए निवेश करें.

बजट यह भी दिखाता है कि देश के श्रम बल का औपचारिककरण हो यानी अधिक से अधिक कामगारों को भविष्य निधि और अन्य योजनाओं से जोड़ा जाए. कौशल विकास की चर्चा बजट में है, पर यह समय है कि स्किल इंडिया कार्यक्रम की अब तक उपलब्धियों और कमियों की ठीक से समीक्षा की जाए तथा उसके आधार पर आगे की योजना बने. देश की बड़ी कंपनियों द्वारा युवाओं को प्रशिक्षण देने तथा सरकार द्वारा प्रशिक्षुओं को वृत्ति देने की बात सराहनीय है. यदि यह ठीक से लागू होता है, तो श्रम बल की गुणवत्ता एवं क्षमता में बड़ी वृद्धि हो सकती है. कंपनियों को ऐसे कार्यक्रमों के लिए तैयार करना सरकार के लिए आसान काम नहीं होगा.

आयकर के संबंध में प्रावधान भले ही अपेक्षा के अनुरूप नहीं हों, पर नयी कर व्यवस्था में कटौती की सीमा बढ़ाना और स्लैबों की संख्या कम करना ठीक कदम है. पूंजीगत लाभ पर कर दरें बढ़ाने से कुछ तबकों में निराशा है, पर हमें यह सोचना चाहिए कि जिनके पास परिसंपत्तियां अधिक है और उनसे वे अच्छी कमाई कर रहे हैं, तो उन्हें समुचित कर भी देना चाहिए. महत्वपूर्ण खनिजों और सौर ऊर्जा से संबंधित आधारभूत वस्तुओं पर आयात शुल्क हटाना या कम करना सराहनीय है, लेकिन सोने, चांदी, प्लेटिनम आदि के आयात शुल्क में कमी करना समझ से परे है. इससे आयात बढ़ेगा, जिसका सीधा असर चालू खाता घाटे के बढ़ने के रूप में होगा. स्वच्छ ऊर्जा से जुड़ी वस्तुओं के आयात पर छूट से उत्पादन और उपभोग में वृद्धि होगी, जो अच्छी बात है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel