Pahalgam Attack : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान को सिखाये जाने वाले सबक के मद्देनजर जो रिपोर्टं प्रकाशित हो रही हैं, उनमें कहा जा रहा है कि भारत सैन्य ताकत की दृष्टि से पाकिस्तान से बहुत मजबूत है और भारत द्वारा पाकिस्तान पर सैनिक कार्रवाई में कोई दिक्कत नहीं है. भारत के पास दुनिया का जोरदार कूटनीतिक समर्थन है. भारत की अर्थव्यवस्था दमदार और मजबूत है. इन सबके साथ-साथ देश की जनता का सरकार को अभूतपूर्व समर्थन है. इस समय नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी के बीच भारत की सैन्य शक्ति ही नहीं, भारत की आर्थिक मजबूती भी भारत के लिए प्रभावी हथियार बनी हुई है. वस्तुत: भारत पाकिस्तान से सैन्य ताकत के हिसाब से चार गुना और आर्थिक ताकत के हिसाब से दस गुने से भी अधिक मजबूत है. ऐसे में युद्ध होने पर भारत तो युद्ध का भारी खर्च को वहन करने की स्थिति में होगा, पर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बर्बाद होने की स्थिति में आ जायेगी.
गौरतलब है कि सरकार ने पाकिस्तान के साथ व्यापार रोकने, पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों को निकालने, सार्क वीजा रियायत योजना के तहत पाक नागरिकों का वीजा निरस्त करने और सिंधु जल संधि स्थगित करने जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं. सिंधु जल संधि को 1965, 1971 और कारगिल के समय भी स्थगित नहीं किया गया था. भारत द्वारा सिंधु जल संधि का स्थगन इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि पाकिस्तान का एक बड़ा हिस्सा सिंधु नदी के पानी से पेयजल और खेती से लेकर बिजली उत्पादन तक की गतिविधियों के लिए निर्भर है. एक अनुमान के मुताबिक पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 25 फीसदी सिंधु जल व्यवस्था पर निर्भर है.
हाल ही में प्रकाशित ग्लोबल फायरपावर (जीएफपी) इंडेक्स, 2025 के अनुसार, भारत विश्व की चौथी सबसे मजबूत सैन्य शक्ति वाला देश है, पाकिस्तान पिछले साल नौवें स्थान पर था, पर अब 12वें नंबर पर पहुंच गया है. यह सूचकांक विभिन्न देशों की पारंपरिक युद्ध क्षमताओं के 60 से अधिक कारकों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है. इस सूचकांक के मुताबिक भारत की कुल जनसंख्या लगभग 1.4 अरब है, जो दुनिया में दूसरे स्थान पर है, जबकि पाकिस्तान की जनसंख्या करीब 24 करोड़ है. भारत के सक्रिय सैनिकों की संख्या करीब 14.55 लाख है, जो पाकिस्तान के 6.54 लाख सक्रिय सैनिकों की तुलना में कहीं अधिक है. भारत के पास ज्यादा रिजर्व सैनिक और अर्धसैनिक बल भी हैं. थल सैन्य शक्ति के अलावा भारत की वायु और जल सैन्य शक्ति भी पाकिस्तान से बहुत अधिक है.
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंस्टिट्स (एफएएस) के मुताबिक, भारत के पास जहां 180 परमाणु हथियार हैं, वहीं पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार हैं, पर भारत परमाणु हथियार न्यूक्लियर डोमेन में पाकिस्तान से बहुत आगे हैं. यही नहीं, भारत न्यूक्यिलर ट्रायड यानी जल, थल और आकाश, तीनों में परमाणु हथियार दागने की क्षमता रखता है. ऐसी क्षमता वाला भारत दुनिया में चौथा देश है. यदि हम आर्थिक आधार पर तुलना करें, तो पाते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था पाक अर्थव्यवस्था के दस गुने से भी अधिक मजबूत है. मौजूदा वित्त वर्ष के लिए दोनों देशों का बजट देखें, तो भारत का बजट पाकिस्तान के बजट से करीब 11 गुना ज्यादा है. भारत ने अपनी रक्षा तैयारियों के लिए इस बजट में 77.4 अरब डॉलर का आवंटन किया है, जबकि पाकिस्तान का रक्षा बजट करीब 7.6 अरब डॉलर का है यानी भारत का सैन्य बजट पाकिस्तान से लगभग 10 गुना अधिक है. हाल ही में प्रकाशित विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की विकास दर 6.3 फीसदी और पाकिस्तान की विकास दर महज 2.6 फीसदी रह सकती है. भारत की जीडीपी अभी 4,000 अरब डॉलर की है, जबकि पाकिस्तान की जीडीपी 400 अरब डॉलर से भी कम है यानी भारत की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से करीब 10 गुना बड़ी है.
भारत के पास अप्रैल तक 687 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था, जबकि पाकिस्तान के पास यह भंडार मात्र 16 अरब डॉलर ही था. भारत की प्रतिव्यक्ति आय 2,880 डॉलर है, पाकिस्तान की केवल 1,590 डॉलर है. पाकिस्तान में महंगाई से लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं, जबकि भारत में महंगाई की दर चार फीसदी के आसपास है. तेजी से चमकती हुई प्रभावी आर्थिक छवि के कारण भारत में विदेशी निवेश बढ़ रहा है, पाकिस्तान में यह लगातार घट रहा है. भारत ने 2024-25 में रिकॉर्ड 437 अरब डॉलर का निर्यात किया है, जबकि पाकिस्तान का निर्यात इसका दसवां भाग भी नहीं है. भारत के कुल निर्यात में पाकिस्तान की हिस्सेदारी मात्र 0.06 फीसदी है. पिछले वर्ष भारत ने जितना सामान पाकिस्तान से आयात किया, उससे करीब 31 गुना ज्यादा पाकिस्तान को निर्यात किया. भारत पाकिस्तान को कई चीजें निर्यात करता है, जिनमें चीनी, फार्मास्युटिकल, दवाएं, जैविक रसायन, कॉफी, चाय, लोहा-स्टील के सामान आदि प्रमुख है. भारत पाकिस्तान से प्रमुख रूप से खनिज तेल, तांबा, फल, मेवे, नमक, सल्फर, प्लास्टर सामग्री और कपास आयात करता है. चूंकि पाकिस्तान आयातित अधिकांश वस्तुएं किफायती दामों पर अन्य देशों से भारत आ सकती हैं. ऐसे में पाकिस्तान से कारोबार पर रोक भारत को प्रभावित नहीं करेगा.
इन दिनों पाकिस्तान चूंकि बार-बार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के दरवाजे पर कर्ज के लिए दस्तक दे रहा है, ऐसे में, भारत युद्ध की आर्थिक लागत का सामना करने में पाकिस्तान की तुलना में निश्चित रूप से अधिक सक्षम है. युद्ध की यह लागत प्रतिदिन पांच हजार से 10 हजार करोड़ रुपये तक हो सकती हैं. इस दृष्टि से दो-तीन सप्ताह की जंग पाकिस्तान को पूरी तरह बर्बाद कर सकती है. इस समय देश के करोड़ों लोगों की आतंकी हमले का प्रभावी बदला लेने के लिए बढ़ती हुई बुलंद आवाज और आतंकी हमले के खिलाफ दुनिया के कूटनीतिक समर्थन की शक्ति के साथ प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार आतंकवादियों और पाकिस्तान को कठोरतम सबक देने के लिए सैन्य कूटनीति सहित सभी विकल्पों को लेकर रणनीतिकपूवर्क आगे बढ़ेगी. यदि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का समाधान निकालने के लिए पाकिस्तान के साथ युद्ध भी हुआ, तो उसमें भारत अवश्य जीतेगा और पाकिस्तान को ऐसा सबक मिलेगा, जिससे वह भारत में कभी भी आतंक और आतंकी हमलों को प्रोत्साहन देने का दुस्साहस नहीं कर पायेगा. (ये लेखक के निजी विचार हैं.)