Pahalgam Terror Attack : आतंकी फंडिंग की निगरानी करने वाली वैश्विक संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ ने पहलगाम हमले की निंदा करते हुए जिस तरह कहा कि ऐसे हमले पैसे और आतंकी समर्थकों के बीच फंडिंग के बगैर नहीं हो सकते, वह सीधे-सीधे पाकिस्तान को फटकार है. यह पहली बार है, जब इस वैश्विक संस्था ने सीधे तौर पर भारत में हुए एक आतंकी हमले का जिक्र किया है.
एफएटीएफ की इस टिप्पणी के बाद पाकिस्तान पर एफएटीएफ की कार्रवाई का भरोसा बढ़ गया है. दरअसल भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को लगातार समर्थन दिये जाने और हथियारों की खरीद के लिए धन मुहैया कराये जाने की बात उजागर की है. एफएटीएफ का बयान उसी संदर्भ में आया है. एफएटीएफ के एशिया-प्रशांत समूह की 25 अगस्त को बैठक होने वाली है, जबकि 20 अक्तूबर को समूह की आगामी पूर्ण बैठक और कार्य समूह की बैठक है. भारत उससे पहले धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण विरोधी एफएटीएफ के मानदंडों के संबंध में पाकिस्तान द्वारा की गयी चूक पर एक डोजियर तैयार कर रहा है. पाकिस्तान को संदिग्ध सूची में डालने के लिए भारत आवेदन भी देगा.
गौरतलब है कि एफएटीएफ ने पहली बार स्टेट स्पॉन्सर्ड टेररिज्म को अपने विश्लेषण में शामिल किया है और टेरर फाइनेंसिग रिस्क के बारे में एक रिपोर्ट भी महीने भर में जारी करने वाला है, जिसमें पहलगाम जैसे हमलों के फंडिंग के स्रोतों का विश्लेषण होगा. इससे एक बार फिर पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाले जाने का आधार मजबूत होता दिख रहा है. ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डाले गये देशों को आइएमएफ या विश्व बैंक से कर्ज लेने में मुश्किल आती है. पहलगाम हमले के बाद आइएमएफ, विश्व बैंक, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और एशियाई विकास बैंक ने किसी न किसी रूप में पाकिस्तान की मदद की है. एफएटीएफ पहली विश्व संस्था है, जिसने पाकिस्तान को फटकार लगायी है. इसलिए भी एफएटीएफ की आगामी बैठकों से भारत को उम्मीद है.