Pradhan Mantri Poshan Shakti : शिक्षा मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि आज की दुनिया में बचपन में मोटापा एक बढ़ती हुई चिंता है. छात्रों को तेल के अत्यधिक सेवन के प्रतिकूल प्रभावों और मोटापे से इसके संबंध के बारे में तत्काल शिक्षित करने की आवश्यकता है. मंत्रालय ने नियमित व्यायाम और योग पर जोर देते हुए कहा कि स्वस्थ जीवनशैली बनाये रखने और अतिरिक्त कैलोरी जलाने के लिए छात्रों को रोजाना व्यायाम करना चाहिए. साथ ही, शिक्षकों को छात्रों में मोटापे की पहचान करने तथा छात्रों को शारीरिक गतिविधि बढ़ाने के बारे में मार्गदर्शन करने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए.
शिक्षा मंत्रालय की ओर से मिड डे मील में तेल का इस्तेमाल कम करने की सलाह दरअसल प्रधानमंत्री के ‘परीक्षा पे चर्चा’ और ‘मन की बात’ के बाद जारी की गयी, जिसमें उन्होंने बच्चों के मोटापे पर चिंता जतायी थी. प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ के 119 वें एपिसोड में मोटापे पर ओलिंपिक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा, निखत जरीन तथा स्वास्थ्य विशेषज्ञ देवी शेट्टी से हुई बातचीत सुनायी थी और कहा था कि खाने में तेल के कम उपयोग और मोटापे से निपटना केवल व्यक्तिगत विषय नहीं, बल्कि यह परिवार के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है. खानपान में तेल का अधिक इस्तेमाल दिल की बीमारियों, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी अनेक बीमारियों की वजह बनता है. उनका कहना था कि हर महीने तेल की खरीद में 10 प्रतिशत कमी मोटापा कम करने की दिशा में अहम कदम साबित होगा.
प्रधानमंत्री ने एक शोध का हवाला देते हुए कहा था कि आज हर आठ में से एक शख्स मोटापे से परेशान है और बीते कुछ वर्षों में ऐसे मामले दोगुने हो गये हैं. इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि बच्चों में मोटापे की परेशानी चार गुना बढ़ गयी है. मोटापा जिस तरह एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है, उससे निपटने के लिए आज ऐसे ही अभियानों की जरूरत है.