Air India flights : विगत 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर का क्रैश होना बड़ी त्रासदी तो है ही, लेकिन उसके बाद से एयर इंडिया की उड़ानों में लगातार जो समस्याएं दिख रही हैं, वे भी उतनी ही परेशान करने वाली हैं. एक आंकड़े के मुताबिक, 12 से 17 जून के बीच एयर इंडिया की अस्सी से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जिनमें ड्रीमलाइनर की 66 उड़ानें थीं. मंगलवार को ही तकनीकी खराबी और परिचालन संबंधी समस्याओं के कारण एयर इंडिया की सात अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. इनमें से छह उड़ानें तो इसलिए रद्द की गयीं, क्योंकि डीजीसीए (विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने ड्रीमलाइनर बेड़े की अतिरिक्त जांच के आदेश दिये थे. जबकि अहमदाबाद से लंदन जाने वाली उड़ान विमान उपलब्ध न होने के कारण रद्द की गयी.
पिछले कुछ दिनों में दिल्ली से पेरिस जाने वाली उड़ान तकनीकी समस्या के कारण रद्द की गयी, सैन फ्रांसिस्को से मुंबई जा रही उड़ान को तकनीकी जांच के बाद कोलकाता हवाई अड्डे पर रोक दिया गया, तो कुछ उड़ानों को तकनीकी समस्या के कारण अपने मूल स्थान पर लौटना पड़ा. इसे टाटा समूह द्वारा एयरलाइन खरीदने के बाद सबसे गंभीर संकट के रूप में देखा जा रहा है. आम लोग तो एयर इंडिया की आलोचना कर ही रहे हैं, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने एयर इंडिया की दिल्ली से पुणे की उड़ान में तीन घंटे की देरी पर सवाल उठाते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री से हस्तक्षेप करने के लिए कहा है.
लेकिन एयर इंडिया की समस्याओं का कारण सिर्फ तकनीकी नहीं है. ईरान और इस्राइल के बीच युद्ध के कारण ईरान के हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया गया है. इससे लंबी दूरी की उड़ानों को वैकल्पिक और लंबा रूट लेना पड़ रहा है, जिससे ईंधन की खपत बढ़ी है और समय भी ज्यादा लग रहा है. अलबत्ता एयर इंडिया के साथ आयोजित बैठक में डीजीसीए का यह बयान भरोसा बढ़ाने वाला है कि एयर इंडिया के जिन विमानों की जांच हुई, उनमें सुरक्षा संबंधी कोई त्रुटि नहीं पायी गयी. परंतु डीजीसीए ने एयर इंडिया को इंजीनियरिंग, संचालन और ग्राउंड हैंडलिंग इकाइयों में आंतरिक समन्वय को मजबूत करने की सलाह दी है. इस समय एयर इंडिया के सामने अपनी साख और भरोसा बचाने की बड़ी चुनौती है.