23.8 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

उद्यम विकास में प्रगति

सात साल से चल रही स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत 40.6 हजार करोड़ रुपये से अधिक वितरित किये जा चुके हैं

देश में छोटे उद्यमों के विकास को गति देने के लिए दलित एवं आदिवासी समुदायों तथा महिलाओं को समुचित ऋण मुहैया कराने की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी. इस दिशा में स्टैंड अप इंडिया योजना एक बड़ी पहल है. सात साल से चल रही इस स्कीम के तहत अब तक 40.6 हजार करोड़ रुपये से अधिक वितरित किये जा चुके हैं. इससे 1.8 लाख से अधिक उद्यमी लाभान्वित हुए हैं. समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के बिना न तो अर्थव्यवस्था आगे बढ़ सकती है और न ही देश का विकास सुनिश्चित किया जा सकता है.

राष्ट्रीय विकास में वंचित समूहों और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना भी आवश्यक है. ऐसा समावेशी आर्थिक वातावरण बनाने की दिशा में स्टैंड अप इंडिया स्कीम बहुत प्रभावी साबित हुई है. इसमें जिन लोगों को ऋण दिया गया है, उनमें 80 फीसदी महिलाएं हैं. इन 1,44,787 महिला उद्यमियों में 26,889 अनुसूचित जाति तथा 8,960 अनुसूचित जनजाति की महिलाएं हैं. इस योजना के तहत ऋण वितरण में पिछले साल आयी तेजी से साबित होता है कि छोटे उद्यमियों ने महामारी से पैदा हुई समस्याओं एवं आशंकाओं को पीछे छोड़ दिया है.

योजना के पहले छह वर्षों में 30,160 करोड़ रुपये बतौर कर्ज बांटे गये थे, पर अकेले पिछले वित्तीय वर्ष में ही लगभग 10 हजार करोड़ रुपये मुहैया कराये गये हैं. इस योजना में प्रावधान है कि हर व्यावसायिक बैंक की हर शाखा से 10 लाख से एक करोड़ रुपये तक का कर्ज कम से कम एक एक अनुसूचित जाति या जनजाति तथा कम से कम एक महिला उद्यमी को उपलब्ध कराया जायेगा.

इस कर्ज से लेनदार मैनुफैक्चरिंग, सेवा, वाणिज्य और कृषि से जुड़े उद्यम को स्थापित कर सकता है. चूंकि यह स्कीम हर बैंक की हर शाखा पर लागू होती है, इसलिए कर्जों का वितरण देश के हर क्षेत्र में हुआ है. यह योजना नये उद्यमों के लिए ही है. जिन उद्यमों में एक से अधिक हिस्सेदार हैं, अगर वे इसके तहत कर्ज लेना चाहते हैं, तो उनके लिए नियम यह है कि उस उद्यम में 51 प्रतिशत से अधिक स्वामित्व अनुसूचित जाति या जनजाति या महिला वर्ग के व्यक्ति को होना चाहिए.

ठेला-पटरी लगाने वाले, छोटे उद्यमों वाले, दुकानदारों, छोटे सेवाप्रदाताओं आदि के लिए भी ऐसी वित्तीय योजनाएं, जैसे मुद्रा ऋण स्कीम, चलायी जा रही हैं. निश्चित रूप से इनसे न केवल उद्यमिता और स्वरोजगार के विस्तार में सहायता मिली है, बल्कि एक समावेशी अर्थव्यवस्था के लिए भी ठोस आधार तैयार हुआ है. आशा है कि स्टैंड अप और अन्य योजनाओं की सफलता आगे भी जारी रहेगी और सरकार इनके वित्तपोषण के लिए तत्पर बनी रहेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel