24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

भारत-रूस रिश्ते को मजबूती

Rajnath Singh : पुतिन से उनका यह कहना मायने रखता था कि भारत और रूस के बीच मित्रता सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची और सबसे गहरे महासागर से भी गहरी है. उन्होंने रूसी राष्ट्रपति को यह भी बताया कि भारत पर सार्वजनिक और निजी तौर पर कई तरह के दबाव हैं, इसके बावजूद वह हमेशा अपने रूसी मित्र के साथ खड़ा रहा और भविष्य में भी खड़ा रहेगा.

Rajnath Singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तीन दिवसीय रूस यात्रा दोनों देशों के रक्षा संबंधों को और मजबूती देने की दिशा में निस्संदेह बहुत उपयोगी रही. वह वहां सैन्य और सैन्य सहयोग पर भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग के 21वें सत्र में भाग लेने गये थे. वह आइएनएस तुशिल की फ्लैग रेजिंग सेरेमनी में भी शामिल हुए, जिसे काफी पहले भारतीय नौसेना में शामिल होना था, लेकिन कोविड, वैश्विक आपूर्ति शृंखला में रुकावट तथा रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से यह टलता रहा था. रक्षा मंत्री ने वहां रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर उनसे बात की.

पुतिन से उनका यह कहना मायने रखता था कि भारत और रूस के बीच मित्रता सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची और सबसे गहरे महासागर से भी गहरी है. उन्होंने रूसी राष्ट्रपति को यह भी बताया कि भारत पर सार्वजनिक और निजी तौर पर कई तरह के दबाव हैं, इसके बावजूद वह हमेशा अपने रूसी मित्र के साथ खड़ा रहा और भविष्य में भी खड़ा रहेगा. रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच उनके इस बयान का महत्व है. दोनों ने इस पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच साझेदारी में अत्यधिक संभावनाएं हैं और साझा प्रयासों से शानदार नतीजे हासिल किये जा सकते हैं. उनका यह भी कहना था कि दोनों देशों के बीच जी-20, ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन जैसे बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग बढ़ रहा है.

राजनाथ सिंह ने रूसी रक्षा मंत्री आंद्रे बेलासोव से रक्षा मुद्दों पर व्यापक बातचीत की और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली ‘एस-400 ट्रंफ’ की शेष दो यूनिटों की आपूर्ति जल्दी करने का दबाव भी डाला. यूक्रेन से युद्ध के चलते भारत को दी जाने वाली इन दो यूनिटों की आपूर्ति में विलंब हुआ है. रक्षा मंत्री ने विभिन्न मिलिट्री हार्डवेयर के निर्माण के क्षेत्र में भारत में असीम संभावनाओं की जानकारी दी. रूसी रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में अपने एक बयान में कहा है कि रूस और भारत के बीच आपसी सम्मान पर आधारित एक मजबूत और पुरानी दोस्ती है.

इसमें यह भी कहा गया कि जुलाई में मास्को में राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी की हुई बैठक और अक्तूबर में कजान में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान हुई मुलाकातों के परिणामस्वरूप विशेष रणनीतिक साझेदारी और गहरी हुई है, जिसमें रक्षा क्षेत्र भी शामिल है. राजनाथ सिंह की इस यात्रा का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में आपसी संबंध को और मजबूत बनाना था, जिसमें वह सफल रहे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel