Cyber Fraud : नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल की ताजा रिपोर्ट बेहद चौंकाने वाली है, जिसमें देश के कुल 74 जिलों को साइबर ठगी के हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित किया गया है. इस साल एक जनवरी से चार मार्च तक के जुटाये गये आंकड़ों के आधार पर तैयार की गयी इस रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर ठगी की ज्यादातर कॉल इन्हीं 74 जिलों से की जा रही है. कुल 74 जिलों में 10 जिले बिहार के और सात झारखंड के हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, इन 74 जिलों में हरियाणा का नूह पहले स्थान पर, राजस्थान का डीग दूसरे स्थान पर, झारखंड का देवघर तीसरे स्थान पर, राजस्थान का अलवर चौथे स्थान पर और बिहार का नालंदा पांचवें स्थान पर है. अभी तक साइबर ठगी के लिए सर्वाधिक कुख्यात रहा जामताड़ा, जिस पर इसी नाम से वेब सीरीज भी बन चुकी है, सूची में 14वें स्थान पर है. रिपोर्ट हालांकि बताती है कि जामताड़ा अब पहले जैसा कुख्यात नहीं रहा और लगातार पुलिस कार्रवाई के बाद ठगों ने अपना ठिकाना बदल लिया है. लेकिन विगत दिसंबर में गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली एजेंसी इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (आइ4सी) ने झारखंड पुलिस से जो सूचना साझा की थी, उसके मुताबिक, जामताड़ा, दुमका और देवघर के 300 फोन नंबरों से देश के दूसरे हिस्सों में साइबर ठगी को अंजाम दिया जा रहा है.
साइबर ठगी के लिए कुख्यात बताये गये झारखंड के दूसरे जिले दुमका, धनबाद, गिरिडीह, रांची और हजारीबाग हैं. यह रिपोर्ट चिंताजनक है, जो बताती है कि देश में साइबर अपराध में हो रही वृद्धि के अनुरूप साइबर ठगी के ठिकाने भी देश भर में फैलते जा रहे हैं. एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) के मुताबिक, 2022 में साइबर अपराध के मामलों में 24.4 फीसदी की वृद्धि हुई थी.
वर्ष 2023 में साइबर ठगी के 7.9 करोड़ मामले देशभर में सामने आये थे, जबकि मई, 2024 में आइ4सी ने साइबर अपराध की रोजाना 7,000 शिकायतें सामने आने की बात कही थी. अभी डिजिटल अरेस्ट का खौफ ज्यादा है, लेकिन देश में डिजिटल भुगतान बढ़ने के बीच यूपीआइ ठगी के मामले भी तेजी से बढ़े हैं. पिछले साल नवंबर में सरकार ने संसद में बताया कि वित्त वर्ष 2024 में यूपीआइ धोखाधड़ी के मामलों में 85 प्रतिशत की वृद्धि हुई. जाहिर है, ये आंकड़े जहां साइबर अपराध के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत बताते हैं, वहीं लोगों से जागरूक होने की मांग भी करते हैं.