Supreme Court : सर्वोच्च न्यायालय ने दहेज उत्पीड़न मामले में गिरफ्तारी से जुड़े एक फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो साल पुराने दिशानिर्देश को जिस तरह बरकरार रखा है, वह दूरगामी महत्व का है. एक महिला आइपीएस अधिकारी से संबंधित मामले में शीर्ष अदालत ने कहा कि जब कोई स्त्री अपने ससुराल पक्ष के खिलाफ दहेज प्रताड़ना कानून के तहत मुकदमा दर्ज कराये, तब पुलिस को तुरंत उसके पति या रिश्तेदारों को गिरफ्तार नहीं करना चाहिए. ऐसी गिरफ्तारी दो महीने की जांच के बाद ही होनी चाहिए.
अदालत ने यह भी व्यवस्था दी कि महिला आइपीएस अधिकारी को अलग हुए पति और उसके रिश्तेदारों के उत्पीड़न के लिए समाचारपत्रों में प्रकाशित कर माफी मांगनी होगी. यह माफी इसलिए जरूरी है, क्योंकि महिला आइपीएस अधिकारी द्वारा दर्ज किये गये मुकदमों के कारण उनके पति को 109 दिन और पति के पिता को 103 दिन जेल में रहना पड़ा था. जबकि उनके पूरे परिवार को शारीरिक-मानसिक आघात और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा.
अदालत की टिप्पणी थी कि झूठे और मनगढ़ंत आरोपों के चलते महिला के पति और उनके पिता का सौ दिन से अधिक समय तक जेल में रहना न केवल न्याय व्यवस्था के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह सामाजिक और पारिवारिक संतुलन को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है. सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कहा कि दहेज प्रताड़ना कानून का दुरुपयोग हो रहा है, लिहाजा हर शिकायत को सही मानकर तुरंत कार्रवाई उचित नहीं. मामले की जांच किये बिना गिरफ्तारी गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन है. शीर्ष अदालत का ताजा फैसला दूरगामी महत्व का इसलिए है, क्योंकि अब दहेज प्रताड़ना कानून के तहत किसी की गिरफ्तारी से पहले पुलिस को प्राथमिक जांच, समझौते के प्रयास और परिस्थितियों की समीक्षा करनी होगी.
गौरतलब है कि इससे पहले भी अनेक बार सुप्रीम कोर्ट दहेज प्रताड़ना कानून के दुरुपयोग पर चिंता जता चुका था. पिछले ही साल तेलंगाना के एक मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा था कि दहेज प्रताड़ना कानून पत्नी और उनके परिजनों के लिए हिसाब बराबर करने का हथियार बन गया है. एक अन्य अवसर पर सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसे मामलों में सभी अदालतों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा था कि घरेलू क्रूरता के मामलों में पति के दूर के रिश्तेदारों को अनावश्यक रूप से न फंसाया जाये. उसका ताजा फैसला न केवल निर्दोष व्यक्तियों को राहत देगा, बल्कि दहेज प्रताड़ना कानून के दुरुपयोग को रोकने में भी मददगार होगा.