Adriana Kugler : अमेरिका के केंद्रीय बैंड फेड(Federal Reserve) की गवर्नर एड्रियाना कुग्लर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इस बात की जानकारी फेड की ओर से दी गई है. एड्रियाना कुग्लर ने अपना कार्यकाल समाप्त होने के पहले ही इस्तीफा दे दिया है. उनका इस्तीफा 8 अगस्त से प्रभावी होगा. एड्रियाना कुग्लर के इस्तीफे से अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों में बड़ा बदलाव नजर आ सकता है.
एड्रियाना कुग्लर के इस्तीफे की वजह क्या है?
एड्रियाना कुग्लर का कार्यकाल अभी समाप्त नहीं हुआ था,लेकिन उन्होंने समय से पहले ही इस्तीफा दे दिया है. कुग्लर के इस्तीफे से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बहुत खुश हैं और उन्होंने यह कहा है कि कुग्लर के इस्तीफे से उन्हें फेड में किसी की नियुक्ति का मौका मिल गया है. दरअसल ट्रंप लगातार फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल पर ब्याज दरों में कटौती के लिए दबाव बना रहे थे. उनका यह कहना था मौद्रिक नीति बहुत कठोर है और उसमें बदलाव की जरूरत है. फेड की स्वतंत्रता पर लगातार राष्ट्रपति के द्वार हमला किए जाने के बाद एड्रियाना कुग्लर का इस्तीफा आया है, हालांकि कुग्लर ने अपने इस्तीफे में कोई वजह स्पष्ट तौर पर नहीं बताया है.
कुग्लर के इस्तीफे का क्या होगा असर?
कुग्लर के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फेड के बोर्ड में अपने पसंद का व्यक्ति नियुक्त करेंगे, जो उनकी इच्छा के अनुसार ब्याज दरों में कटौती करेगा. साथ ही ट्रंप का फेड पर नियंत्रण भी स्थापित होगा, इसका प्रभाव यह होगा कि फेडरल रिजर्व की नीतियों में सीधा और गहरा बदलाव दिख सकता है. अमेरिका के जो वर्तमान राजनीति और आर्थिक हालत हैं उसे देखते हुए यह बदलाव काफी हद तक संभव है. अगर ऐसा हुआ तो उसका वैश्विक प्रभाव पड़ेगा और अगर ब्याज दरें घटाई गईं तो डालर का प्रभाव घटेगा और अमेरिका में महंगाई बढ़ सकती है.साथ ही शुरुआत में निवेश बढ़ सकता है, लेकिन इसकी वजह से अमेरिका को नुकसान होगा.
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कौन हैं एड्रियाना कुग्लर?
एड्रियान कुग्लर फेड की गवर्नर हैं. उनकी नियुक्ति 2023 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने की थी. वे पहली स्पैनिश महिला हैं, जिन्हें फेड का गवर्नर बनने का मौका मिला था. एड्रियाना कुग्लर एक प्रसिद्ध अमेरिकी अर्थशास्त्री है. उन्होंने मैकगिल यूनिवर्सिटी से बीए किया है और कैलिफार्निया यूनिवर्सिटी से पीएचडी की उपाधि ली है. कुग्लर ने 2011–13 में अमेरिकी श्रम विभाग में मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में काम किया और फिर विश्व बैंख में अमेरिकी एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में कार्यरत रहीं. उनकी छवि एक ऐसे अर्थशास्त्री की है जो ब्याज दरों के मामले में संयमित रुख रखती है और उसमें तेज बढ़ातरी के बजाय उसे धीरे-धीरे बढ़ाने की पक्षधर हैं. उनके इस्तीफे से फेड पर राजनीतिक प्रभाव पड़ेगा.
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