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भारतीय मुसलमान क्यों करते हैं अपनी लड़कियों की पाकिस्तान में शादी?

Marriages Between Indian and Pakistani : भारत-पाकिस्तान के राजनीतिक संबंध चाहे कितने भी तल्ख रहे हों, लेकिन दोनों देशों के बीच पारिवारिक संबंध बनते रहे हैं, सरकार इन रिश्तों की वजह से x-2 वीजा भी देती है, जिसमें भारतीय नागरिक के साथ उसके विदेशी रिश्तेदार को भारत में रहने की अनुमति मिली होती है. अब जबकि पहलगाम की घटना हुए है और 26 लोगों की बलि ली गई है, भारत सरकार ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश दे दिया है. इन हालात में उन लड़कियों की हालत खराब है जो अपने बच्चों और पति के साथ भारत में थीं. ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि आखिर क्यों भारतीय मुसलमान अपनी लड़कियों को दूसरे मुल्क भेज देते हैं, वो भी पाकिस्तान?

Marriages Between Indian and Pakistani : भारतीय समाज में विवाह एक ऐसा गठबंधन है, जिसे काफी सोच विचार कर बांधा जाता है. आज भी एक आम भारतीय शादियों में जाति और संस्कृति का अहम रोल है, यही वजह है कि एक उत्तर भारतीय ब्राह्मण दक्षिण भारतीय ब्राह्मण परिवार से शादी नहीं करना चाहता है, क्योंकि यहां लोकाचार और भाषा की विभिन्नता है. बिहार की लड़की बंगाल में नहीं ब्याही जाती क्योंकि खानपान और रहन-सहन का अंतर दिखता है. ऐसे में क्यों एक भारतीय मुसलमान परिवार इतनी दूर पाकिस्तान में अपनी लड़की की शादी कर देता है, जबकि दोनों देशों के बीच मधुर संबंध कभी नहीं रहते हैं, तनाव बराबर बना रहता है? यह सवाल आज इसलिए क्योंकि पहलगाम में 26 निर्दोषों की हत्या के बाद सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द कर दिया है और यहां से उन्हें निकाला जा रहा है. चूंकि सरकार ने यह फैसला बहुत जल्दी में लिया है, तो कई भारतीय लड़कियां अपने ससुराल पाकिस्तान लौटने के लिए परेशान हैं और उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

शादी की वजह धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध

1947 से पहले भारत और पाकिस्तान एक मुल्क थे. यहां की भाषा और संस्कृति एक थी. लोगों का रहन-सहन एक था. देश का बंटवारा जब हुआ, तो कई परिवार बंट गए. कुछ ऐसे लोग भी दोनों देशों में हैं, जिनके भाई पाकिस्तान चले गए और वे यहां रह गए. कइयों के घनिष्ठ मित्र पाकिस्तान चले गए, तो कइयों का ननिहाल पाकिस्तान चला गया. यही वजह है कि जब दोनों देशों के लोग आपस में मिलते हैं तो उनके बीच जो धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध हैं, वे एक बार फिर जोर मारने लगता है और वे अपने संबंधों को बनाए रखने के लिए अपने बच्चों की शादी कर देते हैं. उनके लिए दो देशों की सरहद बहुत मायने नहीं रखती है.

रिश्तेदारी की वजह से होती हैं शादियां

शादियां आमतौर पर जान-पहचान के लोगों के बीच होती है. मौलाना तहजीब बताते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच बंटवारे के बाद भी संबंध कायम है. कई परिवार इस तरह के हैं, जिनके मामू, खाला, चचा पाकिस्तान चले गए और आधा परिवार भारत में रह गया. ये लोग जब आपस में मिलते हैं कोई पारिवारिक समारोह होता है, तो नए रिश्ते भी बनते हैं और शादियां होती हैं. दोनों देशों के मुसलमानों की संस्कृति और भाषा में कोई फर्क नहीं है, ना ही खानपान का कोई अंतर है, यही वजह है कि शादियां होती हैं.

रांची के एक प्रबुद्ध मुस्लिम, बताते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच शादियों की संख्या बहुत हो, ऐसा नहीं है. शादियां होती हैं, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है. इन शादियों की वजह है पुरानी पहचान या रिश्तेदारी. बंटवारे के बाद जिन लोगों का पूरा परिवार साथ नहीं रह पाया, अकसर इस तरह की शादियां उनके ही बीच होती हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली शादियां हैदराबाद के शेख शादी की तरह नहीं हैं कि पैसों के लिए लोग अपनी लड़की दे रहे हैं, यहां शादी की मूल वजह रिश्तेदारी ही है. मैं अगर अपनी बात करूं, तो मैं रांची में हूं और मेरा कराची से कोई संबंध नहीं है, तो मैं अपने परिवार की लड़की वहां क्यों दूंगा या वहां से लड़की क्यों लाऊंगा. इस तरह के रिश्ते सीमावर्ती क्षेत्रों में ज्यादा दिखते हैं.

ऑनलाइन भी होती हैं शादियां

मौलाना तहजीब बताते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच जो शादियां होती हैं, उनमें वीजा लेकर लोग भारत भी आते हैं बारात लेकर और पाकिस्तान भी जाते हैं. हां कई बार जब बारात नहीं आती है, तो ऑनलाइन निकाह भी होता है और उसके बाद लड़की को उसके ससुराल भेज दिया जाता है, चाहे वो पाकिस्तान में हो या हिंदुस्तान में.

शादी को लेकर क्या है भारत में नियम

सरकारी नियम के अनुसार शादी के लिए इजाजत की जरूरत नहीं पड़ती है. लेकिन वीजा, देश में रहने के लिए और नागरिकता बदलने के लिए सरकारी आदेश की जरूरत होती है.सुरक्षा जांच में भी सरकारी इजाजत की जरूरत होती है. कई इस तरह के केस सामने आए हैं, जहां लड़कियों ने पाकिस्तान में शादी तो की है, लेकिन उनके पास भारत की नागरिकता है, ऐसे हालात में सरकारी इजाजत की जरूरत होती है.

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Rajneesh Anand
Rajneesh Anand
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक. प्रिंट एवं डिजिटल मीडिया में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव. राजनीति,सामाजिक, खेल और महिला संबंधी विषयों पर गहन लेखन किया है. तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विश्लेषणात्मक लेखन में रुचि. IM4Change, झारखंड सरकार तथा सेव द चिल्ड्रन के फेलो के रूप में कार्य किया है. पत्रकारिता के प्रति जुनून है.

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