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अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की इसी हफ्ते हो सकती है धरती पर वापसी, फ्लोरिडा के तट पर होगी लैंडिंग

NASA Astronaut Sunita Williams Return : जून 2023 से अंतरिक्ष में फंसी भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर की इसी सप्ताह पृथ्वी पर वापसी हो सकती है. क्रू-10 मिशन के अंतरिक्ष यात्री उनकी जगह लेंगे. धरती पर सुनीता विलियम्स और उनके साथी को बेबी फीट की समस्या से रूबरू होना पड़ सकता है, जो उनकी वापसी के बाद भी उनके सामने चुनौतियां पेश करेगा.

NASA Astronaut Sunita Williams Return : भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में नौ महीने से ज्यादा वक्त गुजारने के बाद धरती पर जल्दी ही वापसी करेंगी. सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर जून 2023 से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर हैं.  उन्हें धरती पर वापस लाने के लिए नासा और स्पेसएक्स ने क्रू-10 मिशन लॉन्च किया है और इस मिशन के सदस्य सफलतापूर्वक अंतरिक्ष स्टेशन पहुंच गए है, जिसके बाद यह उम्मीद बढ़ी है कि जल्दी ही अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की घर वापसी होगी.

19-20 मार्च को शुरू हो सकती है सुनीता विलियम्स की घर वापसी

क्रू-10 मिशन के तहत स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल अंतरिक्ष स्टेशन पर डॉक किया गया, जिसका अर्थ है कि यह अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष स्टेशन से सफलतापूर्वक जुड़ गया. सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने इन नए अंतरिक्ष यात्रियों का स्वागत किया. क्रू-10 मिशन के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की जगह लेंगे और अंतरिक्ष स्टेशन में जो खराबी हुई है, उसे भी दुरुस्त करेंगे. नए अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण देने के कुछ दिन बाद संभवत: 19-20 मार्च को सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर  धरती पर वापसी करेंगे. उनका अंतरिक्ष यान ड्रैगन ISS से अलग होकर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा और फ्लोरिडा के तट पर लैंड करेगा.

क्रू-10 मिशन क्या है?

क्रू-10 मिशन एक अंतरिक्ष अभियान है, जो नासा और स्पेसएक्स के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया गया है. इस अभियान के जरिए एक अंतरिक्ष यान में अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजा गया है. इस मिशन के तहत अंतरिक्ष गए वैज्ञानिक अंतरिक्ष स्टेशन की मरम्मत करेंगे.साथ ही वे कई परीक्षण और अध्ययन भी करेंगे. क्रू-10 मिशन में अमेरिका, जापान और रूस के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं. क्रू-10 के अंतरिक्ष यात्रियों को अभी कुछ दिन अंतरिक्ष स्टेशन में रहकर सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर से ट्रेनिंग लेनी है, उसके बाद ही सुनीता विलियम्स और विल्मोर धरती पर वापसी करेंगे. संभावना है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो वे इस सप्ताह के अंत तक वापसी कर लेंगे.

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सुनीता विलियम्स की वापसी में कितनी बार आईं बाधाएं

Nasa Astronaut Sunita Williams
सुनीता विलियम्स, तस्वीर नासा

सुनीात विलियम्स को अंतरिक्ष में महज सात दिन गुजारना था, लेकिन वे नौ महीने से ज्यादा समय से वहां फंसी हुई हैं. इस अवधि में कई बार उन्हें वापस लाने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. पिछले साल जून में बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल में तकनीकी समस्या आने के बाद उनकी वापसी टल गई. उसके बाद स्पेसएक्स के कैप्सूल में बैटरी की समस्या हुई जिसकी वजह से उनकी वापसी फिर टल गई थी. अब क्रू-10 मिशन के जरिए उनकी वापसी की संभावना है.

धरती पर वापसी के बाद भी हैं बेबी फीट की चुनौतियां

जून 2023 से अंतरिक्ष में रह रहे सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर के सामने धरती पर वापसी के बाद भी कई चुनौतियां हैं और उनका सफर अभी कठिन ही होगा. आशंका जताई जा रही है कि दोनों को बेबी फीट की समस्या से रूबरू होना पड़ सकता है. बेबी फीट दरअसल एक स्थिति है, जिसमें अंतरिक्ष में महीनों रहने की वजह से उनके तलवे एक बच्चे की तरह नरम हो गए होंगे. बेबी फीट हो जाने पर धरती पर चलने में परेशानी होती है और पैर में काफी दर्द होता है.दरअसल पृथ्वी पर चलते समय पैरों को गुरुत्वाकर्षण बल और घर्षण का सामना करना पड़ता है, जिससे तलवे की त्वचा मोटी और सख्त हो जाती है, जिससे चलते वक्त दर्द नहीं होता. लेकिन नौ महीने अंतरिक्ष में बिताने के बाद जहां गुरुत्वाकर्षण बल नहीं है, सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की त्वचा नरम हो गई होगी, जो उनके लिए परेशानी की वजह बन सकता है. हालांकि यह स्थिति कुछ सप्ताह में सही हो जाएगी.

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Rajneesh Anand
Rajneesh Anand
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक. प्रिंट एवं डिजिटल मीडिया में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव. राजनीति,सामाजिक, खेल और महिला संबंधी विषयों पर गहन लेखन किया है. तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विश्लेषणात्मक लेखन में रुचि. IM4Change, झारखंड सरकार तथा सेव द चिल्ड्रन के फेलो के रूप में कार्य किया है. पत्रकारिता के प्रति जुनून है.

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