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Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei : इजरायल और ईरान के बीच जारी युद्ध में आखिरकार अमेरिका की सीधी इंट्री हो गई है. अमेरिका ने 21 जून को B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स और टॉमहॉक मिसाइलों द्वारा ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान स्थित तीन परमाणु संयंत्रों पर हमला करके उसे बर्बाद कर दिया है. अमेरिका ने ईरान को यह चेतावनी भी दी है कि अगर उसने जवाबी कार्रवाई की तो अंजाम बहुत बुरा होगा, हालांकि ईरान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिकी हमले के बाद उसके सभी विकल्प खुले हैं. इन हालात में ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है और वे बंकर में शिफ्ट हो गए हैं.
अयातुल्ला अली खामेनेई सुरक्षा के दृष्टिकोण से बंकर में हुए शिफ्ट
ईरान-इजरायल संघर्ष 10वें दिन में प्रवेश कर गया है और इसकी तीव्रता लगातार बढ़ रही है. इजरायल जिस तरह ईरान के शीर्षस्थ अधिकारियों की हत्या कर रहा है और लगातार अली खामेनेई की हत्या की बात कर रहा है. अली खामेनेई बंकर में शिफ्ट हो गए हैं. न्यूयार्क टाइम्स की मानें तो खामेनेई ने अपने उत्तराधिकारियों की भी घोषणा कर दी है, ताकि अगर उनकी मौत हो भी जाए तो सत्ता हस्तांतरण में कोई दिक्कत ना आए. इतना ही नहीं खामेनेई ने फोन सहित सभी इलेक्ट्राॅनिक्स डिवाइस का उपयोग बंद कर दिया है, ताकि उनके लोकेशन को ट्रेस ना किया जा सके. खामेनेई अब सिर्फ अपने भरोसेमंद कमांडरों के जरिए ही बातचीत कर रहे हैं. हालांकि अमेरिका लगातार इस बात को दोहरा रहा है कि उसे यह पता है कि खामेनेई कहां छुपकर बैठा है. न्यूयार्क टाइम्स ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अयातुल्ला खामेनेई अपने शासन के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं, तभी उन्होंने अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है. बढ़ते संकट की वजह से ही खामेनेई और उनके परिवार को तेहरान के लविजान इलाके के अंडरग्राउंड बंकर में शिफ्ट किया गया है, ताकि किसी भी हमले से बचा जा सके.
जमीन से 60 फीट नीचे है खामेनेई का बंकर
अयातुल्लाह अली खामेनेई का बंकर काफी सुरक्षित है, ताकि संकट की स्थिति में प्राणों की रक्षा की जा सके. ईरान में जिस बंकर में खामेनेई को रखा गया है उसका उद्देश्य ही है युद्ध और संकट की स्थिति में सर्वोच्च नेतृत्व की सुरक्षा. यह एक हाई सिक्योरिटी जोन है. यहां किसी भी तरह के इलेक्ट्राॅनिक डिवाइस काम नहीं करते हैं. माना जाता है ये हाई सिक्योरिटी बंकर जमीन से 30 से 60 फीट की गहराई में बनाए गए हैं. इसकी वजह यह है कि इसे परमाणु हमलों से सुरक्षित बनाया गया है. ये बंकर EMP (Electromagnetic Pulse) प्रूफ हैं, यानी इनपर परमाणु हमलों का कोई असर नहीं होगा. साथ ही यह डिजिटल ब्लाइंड जोन है, यानी इसके लोकेशन की ट्रैकिंग संभव नहीं है. इसके अलावा यहां ऑक्सीजन की रीसायक्लिंग यूनिट लगाई गई है, ताकि ऑक्सीजन की कमी ना हो. साथ ही 6 महीने का भोजन, पानी और दवाइयां भी यहां रखीं गई हैं. चिकित्सा सुविधा जिसमें चिकित्सा उपकरण, ICU की सुविधा और ऑपरेशन थिएटर भी बनाए गएं हैं, ताकि किसी भी तरह की मेडिकल इमरजेंसी से निपटा जा सके. इतना ही नहीं इन बंकर में सुरक्षित निकासी द्वार भी बनाए गए हैं, जो सीधे सरकारी एयरबेस तक जाते हैं.
खामेनेई की सुरक्षा में तैनात हैं विशेष सुरक्षा ग्रुप
IRGC (Islamic Revolutionary Guard Corps) खामेनेई की सुरक्षा में तैनात है. इस दस्ते ने कई अन्य यूनिट को भी अली की सुरक्षा में लगाया है. सुरक्षा यूनिट के ये सैनिक विदेश से प्रशिक्षण पाकर लौटे हैं और काफी सतर्क और मुस्तैद हैं. यह किसी भी तरह के हमलों से निपटने में खुद को समर्थ पाते हैं. ये सुरक्षा अधिकारी साइबर-सुरक्षा और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी में माहिर होते हैं. इनके जिम्मे ही खामेनेई के बंकर और उनके जान की सुरक्षा की जिम्मेदारी है.
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