27.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

‘ऑपरेशन दोस्त’ को भुला तुर्किए, फिर कर रहा है भूकंप का सामना, क्या होगी भारत की नीति

Turkey Earthquake : तुर्किए में 2023 में एक भयंकर विनाशकारी भूकंप आया था, उस वक्त भारत ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ चलाकर तुर्किए की मदद की थी और यह सोचा था कि उसने अपना एक मित्र बनाया है, लेकिन हुआ इसके विपरीत क्योंकि तुर्किए ने महज दो साल बाद ही भारत की पीठ में छुरा घोंप दिया और भारत के दुश्मन देश पाकिस्तान के साथ खड़ा हो गया है. हालांकि भारत और तुर्किए के संबंध मध्यकालीन युग में भी नजर आते हैं और आधुनिक युग में तो दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण नहीं रहे थे. तुर्किए यूरोप और एशिया के बीच एक पुल है और नाटो का एकमात्र मुस्लिम देश है.

Turkey Earthquake : तुर्किए में 15 मई को भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.1 रही. अभी तक किसी भी तरह के जान-माल की हानि की सूचना नहीं है. लेकिन इस भूकंप ने तुर्किए में आए 2023 के उस विनाशकारी भूकंप की याद दिला दी थी, जब भारत ने ऑपरेशन दोस्त के तहत तुर्किए को तत्काल सहायता भेजी थी. इस सहायता के तहत NDRF की टीमें, मेडिकल स्टाफ, डॉग स्क्वॉड, ड्रोन और राहत सामग्री भेजी दी. वर्तमान स्थिति में ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और तुर्किए के संबंध बदल गए हैं, जो तुर्किए 2023 में हमारा दोस्त था, वह अचानक से हमारे दुश्मन के साथ खड़ा गया है और इस लिहाज से वह हमारे दुश्मनों की पंक्ति में खड़ा हो गया है.

2023 के भूकंप में भारत ने तुर्किए के लिए चलाया था ऑपरेशन दोस्त

2023 में तुर्किए में विनाशकारी भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.8 थी. यह भूकंप 6 फरवरी को दक्षिण-पूर्वी तुर्किए में आया था. इस भूकंप के कुछ ही देर बाद एक और भूकंप यहां आया, जिसकी तीव्रता 7.5 थी. इस भयंकर भूकंप में तुर्किए में 53 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी और एक लाख से अधिक लोग घायल हुए थे. घर और अपार्टमेंट की भी उतनी ही मात्रा में क्षति हुई थी, जिसकी वजह से 30 लाख से अधिक लोग बेघर हुए थे. उस कठिन परिस्थिति में भारत ने तुर्किए के लिए ‘ऑपरेशन दोस्त’ चलाया था और तत्काल मानवीय सहायता पहुंचाई थी. भारत ने एनडीआरएफ की टीम भेजी थी, जिसमें 100 से अधिक सदस्य थे और उनमें खोजी दस्ता भी शामिल था. डॉग स्क्वॉड और ड्रोन की भी सहायता दी गई थी, ताकि पीड़ितों को आसानी से तलाशा जा सके और उनतक सहायता पहुंचाई जाए. भारत ने त्वरित सहायता के रूप में तुर्किए को 7 करोड़ की राशि दी थी. इसके अलावा वहां जरूरी राहत सामग्री, इलाज के लिए अस्पताल और आवश्यक चीजें भी मुहैया कराई गईं थीं. भारत ने तुर्किए को यह सहायता मानवता के नाते दिया था, जिसके बाद दोनों देशों के संबंध गहरे हुए थे और भारत को यह लगा था कि उसने तुर्किए को अपना दोस्त बना लिया है, लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के दौरान तुर्किए ने पाकिस्तान का साथ देना बेहतर समझा क्योंकि वह एक इस्लामिक राष्ट्र है और उसने अहसान फरामोशी की और भारत की पीठ पर छुरा घोंपा.

Operation Dost
‘ऑपरेशन-दोस्त-को-भुला-तुर्किए

तुर्किए ने पाकिस्तान की मदद क्यों की

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान की नीतियां पाकिस्तान के पक्ष में दिखती हैं. उन्होंने जिस तरह भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को अपना प्रिय भाई बताया और जिस तरह उन्होंने ड्रोन और अन्य सैन्य उपकरण पाकिस्तान को उपलब्ध कराए, वह यह साबित करते हैं कि तुर्किए का झुकाव पाकिस्तान की ओर है. बेशक तुर्किए एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र होने का दावा करता है, लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि तुर्किए की 99% आबादी मुसलमानों की है और इसी वजह से उनका झुकाव पाकिस्तान की ओर है. धार्मिक भाईचारे को निभाने के लिए तुर्किए ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ को भुला दिया, जो उसकी मतलबपरस्ती ही कही जाएगी.

भारत में तुर्किए का बहिष्कार

तुर्किए ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद जिस तरह पाकिस्तान का साथ दिया, उससे भारत में उसके खिलाफ माहौल बना हुआ है. निश्चित तौर पर इस स्थिति में भारत भी ‘ऑपरेशन दोस्त’ को भूलने की कोशिश कर रहा है और उसके साथ व्यापारिक और अन्य संबंध तोड़े जा रहे हैं. भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर तुर्किए का विरोध किया है और BRICS की उसकी सदस्यता का विरोध किया है. इसके अलावा भारत ने सुरक्षा के लिहाज से Celebi एविशन सर्विस की सेवा को समाप्त कर दिया है. तुर्किए के साथ शैक्षणिक सहयोग को भी समाप्त कर दिया गया है और जेएनयू और जामिया मिलिया इस्लामिया ने तुर्किए से संबंद्ध सभी विश्वविद्यालयों से समझौता तोड़ दिया है. पर्यटन के क्षेत्र में भी तुर्किए का विरोध हो रहा है और भारतीय वहां अपने टूर को कैंसिल कर रहे हैं. वहां से आयात की जाने वाली चीजों जिसमें मार्बल, ड्राई फ्रूट्‌स, कालीन, फर्नीचर, सेब आदि का विरोध हो रहा है.

Also Read : पाकिस्तान में बलात्कार पीड़िताओं को देनी होती थी 4 पुरुषों की गवाही, वरना मिलती थी 100 कोड़े की सजा

कंगाल पाकिस्तान को IMF ने क्यों दिया 1 बिलियन डॉलर का ऋण?

 26 पर्यटकों का खून माफ नहीं करेगा हिंदुस्तान, आतंकियों और उसके आका पाकिस्तान को सबक सिखाने की तैयारी

Pahalgam Attack : टोपी और दाढ़ी का नाम इस्लाम नहीं, पाकिस्तान के इरादों का जवाब दे सरकार

हिंदू और मुसलमान के बीच भारत में नफरत की मूल वजह क्या है?

विभिन्न विषयों पर एक्सप्लेनर पढ़ने के लिए क्लिक करें

Rajneesh Anand
Rajneesh Anand
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक. प्रिंट एवं डिजिटल मीडिया में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव. राजनीति,सामाजिक, खेल और महिला संबंधी विषयों पर गहन लेखन किया है. तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विश्लेषणात्मक लेखन में रुचि. IM4Change, झारखंड सरकार तथा सेव द चिल्ड्रन के फेलो के रूप में कार्य किया है. पत्रकारिता के प्रति जुनून है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel