बॉलीवुड के प्रसिद्ध गीतकार आनंद बक्शी ने लगभग चार हजार गाने लिखे, जो आज भी लोगों की जुबान पर हैं. बिंदिया चमकेगी , हमने सनम को खत लिखा, ये जो मोहब्बत है, मैं शायर बदनाम, अबके सजन सावन में जैसे कर्णप्रिय गीतों के रचियता आनंद बक्शी ने लोगों के हृदय में तो जगह बना ली, लेकिन साहित्य जगत में उन्हें जगह नहीं मिली. आज भी उन्हें बॉलीवुड का गीतकार माना जाता है साहित्यकार नहीं. इस विषय पर आप क्या सोचते हैं? क्या आनंद बक्शी या उनके जैसे बॉलीवुड के अन्य गीतकारों को भी साहित्यकार माना जाना चाहिए या नहीं? कृपया कमेंट बॉक्स में जाकर अपनी राय दें और हमारी इस चर्चा का हिस्सा बनें.
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बॉलीवुड के प्रसिद्ध गीतकार आनंद बक्शी को कवि क्यों ना कहा जाये?

बॉलीवुड के प्रसिद्ध गीतकार आनंद बक्शी ने लगभग चार हजार गाने लिखे, जो आज भी लोगों की जुबान पर हैं. बिंदिया चमकेगी , हमने सनम को खत लिखा, ये जो मोहब्बत है, मैं शायर बदनाम, अबके सजन सावन में जैसे कर्णप्रिय गीतों के रचियता आनंद बक्शी ने लोगों के हृदय में तो जगह बना ली, […]
Prabhat Khabar Digital Desk
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