Shani Gochar 2025: शनि 29 मार्च 2025 को मीन राशि में प्रवेश करेंगे और 2027 तक इसी राशि में रहेंगे. इस गोचर के कारण कई लोग चिंतित हैं कि उनका कार्य कैसा चलेगा और क्या उन्हें धन लाभ होगा. हालांकि, आपको भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है. शनि जिस राशि में होते हैं, उस राशि से संबंधित फल प्रदान करते हैं. शनि की दृष्टि विभिन्न होती है, जिसमें तीसरी दृष्टि सबसे चुनौतीपूर्ण मानी जाती है. शनि एक धीमी गति से चलने वाला ग्रह है, और यदि आपकी कुंडली में शनि की स्थिति अनुकूल है, तो आपके सभी कार्य सुगमता से संपन्न होंगे और नौकरी में कोई बाधा नहीं आएगी.
आइए जानते है शनि के गोचर से मेष से लेकर मीन राशि के लिए कैसा रहने वाला है .
मेष
मेष राशि के जातक के लिए शनि दशम और एकादश भाव के स्वामी होते हैं. जब शनि द्वादश भाव में गोचर करते हैं, तो मानसिक स्थिति में गिरावट आ सकती है, खर्चों में वृद्धि होगी, और धन से संबंधित समस्याएं उत्पन्न होंगी. पैसे की बचत करना कठिन होगा, और पेट से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं. यदि कार्य को सही तरीके से किया जाए, तो राहत मिल सकती है.
वृष
वृष राशि के जातक के लिए शनि नवम और दशम भाव के स्वामी होते हैं. जब शनि एकादश भाव में गोचर करते हैं, तो आय के कई स्रोत बन सकते हैं और समाज में लोकप्रियता में वृद्धि हो सकती है. पद और प्रतिष्ठा का लाभ भी मिलेगा, लेकिन प्रेम संबंधों में कठिनाइयाँ आ सकती हैं. संतान की शिक्षा में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं, जबकि उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों के लिए यह समय अनुकूल रहेगा. स्वास्थ्य पर ध्यान देना आवश्यक होगा.
मिथुन
मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि आठवें और नवम भाव का स्वामी है. जब शनि दशम भाव में गोचर करेगा, तो यह नौकरी करने वालों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा. इस दौरान आपके कार्य करने के तरीके में परिवर्तन देखने को मिलेगा, और व्यापार में विशेषकर लोहे के व्यापारियों को अच्छा लाभ होगा. हालांकि, खर्चों पर ध्यान देना आवश्यक होगा. माता का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहेगा, और दांपत्य जीवन में तनाव उत्पन्न होगा.
कर्क
कर्क राशि के जातकों के लिए शनि सातवें और आठवें भाव का स्वामी है. जब शनि नवम भाव में गोचर करेगा, तो भाग्य का साथ मिलेगा और कार्य क्षेत्र में मन लगेगा. रुके हुए कार्यों की शुरुआत होगी, लेकिन पिता के साथ मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं, और परिवार में भी तनाव की स्थिति बन सकती है. इस समय यात्रा की संभावना है, लेकिन उस यात्रा से कोई विशेष लाभ नहीं होगा. खर्चों में वृद्धि होगी, और भाई-बहनों के सुख में कमी आएगी, साथ ही वात संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं.
सिंह
सिंह राशि के जातक के लिए शनि छठे और सातवें भाव का स्वामी है, और वर्तमान में वह आठवें भाव में गोचर कर रहा है. इससे स्वास्थ्य में सुधार होगा और आध्यात्मिक क्षेत्र में मजबूती आएगी. हालांकि, लंबे समय से चल रही बीमारियों में वृद्धि हो सकती है, व्यापार में कठिनाइयाँ आएंगी और आर्थिक नुकसान संभव है. परिवार में सुख की कमी महसूस होगी, संतान के सुख में भी कमी आएगी, और विद्यार्थियों के लिए यह समय अनुकूल नहीं रहेगा.
कन्या
कन्या राशि के जातक के लिए शनि पंचम और छठे भाव का स्वामी है, और वह वर्तमान में सातवें भाव में गोचर कर रहा है. इससे दांपत्य जीवन में समस्याएँ उत्पन्न होंगी, धार्मिक गतिविधियों में मन नहीं लगेगा, और कार्यक्षेत्र में कमी आएगी. हालांकि, लोकप्रियता में वृद्धि होगी और राजनीतिक क्षेत्र में मजबूती आएगी. परिवार के सुख में कमी आएगी, माता के सुख में भी कमी होगी, और भौतिक सुख में भी गिरावट आएगी.
तुला
तुला राशि के जातक के लिए शनि चौथे और पंचम भाव का स्वामी है. वर्तमान में शनि छठे भाव में गोचर कर रहा है, जिससे धन और संपत्ति का लाभ होगा. शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी और व्यापार में लाभ की संभावना है, हालांकि खर्चों में वृद्धि हो सकती है. भाई-बहनों के साथ सुख में कमी आ सकती है, लेकिन करियर में लाभ होगा और आपके कार्य से अधिकारी संतुष्ट रहेंगे.
वृश्चिक
वृश्चिक राशि के जातक के लिए शनि तीसरे और चौथे भाव का स्वामी है. वर्तमान में शनि पंचम भाव में गोचर कर रहा है, जिससे संतान का सुख प्राप्त होगा. विद्यार्थियों के लिए यह समय बहुत अच्छा रहेगा. प्रेम संबंध मजबूत होंगे और प्रेमी का सहयोग मिलेगा, लेकिन खर्चों में वृद्धि और लाभ में कमी हो सकती है. रिश्तेदारों के साथ मनमुटाव की स्थिति बन सकती है.
धनु
धनु राशि के जातकों के लिए शनि दूसरे और तीसरे भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में चौथे भाव में गोचर कर रहे हैं. इससे उन्हें स्थायी संपत्ति, मकान और धन का लाभ प्राप्त होगा. नौकरी करने वालों पर कार्य का दबाव बढ़ सकता है, जबकि व्यापार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. माता के स्वास्थ्य में कुछ समस्याएं आ सकती हैं.
मकर
मकर राशि के जातकों के लिए शनि पहले और दूसरे भाव के स्वामी हैं और इस समय तीसरे भाव में गोचर कर रहे हैं. इससे उनके पराक्रम और साहस में वृद्धि होगी, साथ ही धन और संपत्ति का लाभ भी होगा. शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी और परिवार के सदस्य खुश रहेंगे. भाग्य का साथ मिलेगा, लेकिन विद्यार्थियों को कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. प्रेम संबंधों में विवाद उत्पन्न हो सकते हैं, इसलिए वाहन चलाते समय सावधानी बरतें.
कुम्भ
कुम्भ राशि के जातक के लिए शनि पहले और द्वादश भाव का स्वामी है. शनि आपके दूसरे भाव में गोचर करेगा, जिससे आपको धन की प्राप्ति होगी और परिवार में सुख का अनुभव होगा. हालांकि, कर्ज में वृद्धि हो सकती है और परिवार के सदस्यों के साथ मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं. समाज में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी, लेकिन व्यापार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. कार्यों में जल्दबाजी से बचें.
मीन
मीन राशि के जातक के लिए शनि द्वादश और एकादश भाव का स्वामी है. शनि आपके पहले भाव में गोचर करेगा, जिससे आपको समय के साथ अपनी चाल में बदलाव करने की आवश्यकता महसूस होगी. मानसिक चिंता बढ़ सकती है और व्यापार की गति धीमी हो जाएगी. नौकरी में अधिकारियों से समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, लेकिन स्वास्थ्य सामान्य रहेगा. दांपत्य जीवन में कुछ कठिनाइयाँ आ सकती हैं.
जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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