Shukra And Budh Yuti 2025: ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, शुक्र को ऐश्वर्य, सौंदर्य, प्रेम, कामवासना और वैभव का कारक ग्रह माना जाता है. जब शुक्र गोचर करते हैं, तो इसका प्रभाव अत्यंत सकारात्मक होता है. वर्तमान में शुक्र उच्च स्थिति में मीन राशि में स्थित हैं. वहीं, बुध, जिसे राजकुमार ग्रह कहा जाता है, वाणी, व्यापार और बुद्धि का कारक ग्रह माना जाता है.
कब होगा मीन राशि का गोचर
बुध 27 फरवरी 2025 को मीन राशि में गोचर करेंगे. मीन राशि में बुध की स्थिति नीच मानी जाती है. बुध के गोचर से मीन राशि में बुध और शुक्र की युति बनेगी, जिसे नीच राजभंग योग कहा जाता है, क्योंकि शुक्र पहले से ही मीन राशि में विराजमान हैं, जो शुक्र की उच्च राशि है. बुध और शुक्र दोनों मित्र ग्रह हैं, और इन दोनों ग्रहों के कारण देश और दुनिया के लिए लाभकारी स्थिति उत्पन्न होगी. यदि किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में नीच राजभंग योग बनता है, तो उन्हें धन का लाभ, मन की प्रसन्नता और समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है.
महाशिवरात्रि 2025 व्रत के दौरान इन खाद्य पदार्थों से रहे दूर, जाने क्या खाना चाहिए
वृष
वृष राशि के जातकों के लिए बुध और शुक्र की युति एकादश भाव में होगी. एकादश भाव लाभ का प्रतीक है, जिससे कार्य क्षेत्र में कुछ कठिनाइयाँ आ सकती हैं, लेकिन अन्य क्षेत्रों में लाभ की संभावना बनी रहेगी. समाज में मान-सम्मान और प्रसिद्धि प्राप्त होगी. पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा और पुराने विवाद सुलझेंगे. प्रेम संबंधों में मजबूती आएगी. विद्यार्थियों के लिए यह समय अत्यंत शुभ रहेगा.
कर्क
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध और शुक्र नवम भाव में युति करेंगे, जिससे कर्क राशि को अच्छा लाभ प्राप्त होगा. परिवार के सदस्य एकजुट रहेंगे और व्यापार में भी अच्छा मुनाफा होगा. परिवार के साथ यात्रा की योजना बन सकती है, और मन आध्यात्मिकता की ओर अग्रसर रहेगा. भाई-बहनों का सहयोग प्राप्त होगा और भौतिक सुख-साधनों की प्राप्ति होगी. जीवन में जिन चुनौतियों का सामना कर रहे थे, उनमें आपको लाभ मिलेगा, जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़ जाएगा.
जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847
भात खबर प्रीमियम स्टोरी यहां पढ़ें: झारखंड के इस मंदिर में पूरी होती है मनोकामना, पाहन करते हैं मुंडारी भाषा में मंत्रोच्चार