Ashadha Gupt Navratri 2025 : हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है, और वर्ष में दो बार आने वाली गुप्त नवरात्रि साधना व तांत्रिक दृष्टि से अत्यंत शुभ मानी जाती है. आषाढ़ मास में आने वाली गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की उपासना गुप्त रूप से की जाती है, और इसी प्रकार इस दौरान गुप्त दान करना भी विशेष पुण्यदायक माना गया है:-
– काले तिल
गुप्त नवरात्रि के दिनों में काले तिल का दान अत्यंत शुभ माना गया है. यह दान यम दोष, पितृ दोष और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति दिलाता है. इसे गुप्त रूप से ब्राह्मण या ज़रूरतमंद को दान करें. इससे आपके पापों का क्षय होता है और आत्मशुद्धि की ओर अग्रसर होते हैं.
– सिंदूर और लाल चूड़ियां
मां दुर्गा का श्रृंगार माने जाने वाले सिंदूर और लाल चूड़ियां किसी सुहागन स्त्री को गुप्त रूप से भेंट करें. यह दान सौभाग्य, सुख-शांति और वैवाहिक जीवन में स्थिरता लाने वाला होता है. विशेषकर महिलाएं यह दान करें तो उन्हें मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
– तांबे का पात्र
गुप्त नवरात्रि में तांबे का लोटा, कटोरी या जलपात्र किसी मंदिर में या ब्राह्मण को दान करें. यह दान व्यक्ति को अग्नितत्व की शुद्धि, तेज़ बुद्धि और आयु में वृद्धि देता है. तांबा सूर्य और मंगल से भी जुड़ा है, जिससे आत्मबल और पराक्रम बढ़ता है.
– काले वस्त्र
काले कपड़े शनिदोष निवारण और तांत्रिक साधनाओं में सहायक माने जाते हैं. यदि यह दान गुप्त रूप से किसी ज़रूरतमंद को दिया जाए, तो यह ग्रहबाधा, तंत्र-बाधा और दरिद्रता का नाश करता है. यह विशेष रूप से शनिवार या नवमी तिथि को दिया जाना अधिक फलदायक होता है.
– घी या आटा
गुप्त नवरात्रि के दौरान गाय के घी और गेहूं का आटा किसी निर्धन परिवार या साधु-संत को गुप्त रूप से दान करना अत्यंत शुभ होता है. यह दान अन्न और ऊर्जा की देवी मां अन्नपूर्णा को प्रसन्न करता है, जिससे जीवन में कभी भी धन और भोजन की कमी नहीं रहती.
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गुप्त नवरात्रि में किया गया गुप्त दान न केवल आध्यात्मिक लाभ देता है, बल्कि जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा पाने का मार्ग भी खोलता है. इन पांच गुप्त दानों को श्रद्धा और निःस्वार्थ भाव से करने से मां दुर्गा की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है और साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.