Ashadha Gupt Navratri 2025 : आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025 का शुभारंभ 26 जून से होगा. यह नवरात्रि तंत्र-साधना, शक्ति उपासना और गुप्त सिद्धियों की प्राप्ति के लिए अत्यंत विशेष मानी जाती है. इस दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की गुप्त रूप से आराधना की जाती है. इन दिनों में विशेष रूप से कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक होता है. यदि साधना काल में कुछ निषिद्ध वस्तुएं या कर्म आसपास हो जाएं, तो माता रुष्ट हो सकती हैं और साधना व्यर्थ हो सकती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन चीजों को नवरात्रि के दौरान माता से दूर ही रखना चाहिए:-

– मांस-मदिरा का सेवन
नवरात्रि के नौ दिनों में मांस, मदिरा और नशीले पदार्थों का सेवन पूर्ण रूप से वर्जित होता है. यह देवी उपासना के मार्ग में रुकावट बनते हैं और वातावरण को अपवित्र करते हैं. इन चीजों से न केवल साधना की शक्ति क्षीण होती है, बल्कि देवी की कृपा भी दूर हो जाती है.
– अपवित्रता और अस्वच्छता
नवरात्रि के दौरान घर और पूजा स्थान का विशेष रूप से शुद्ध और स्वच्छ होना जरूरी है. गंदगी, धूल, या रसोई और पूजा स्थान का अस्त-व्यस्त होना देवी शक्ति के आगमन में बाधा बनता है. शरीर, वस्त्र और स्थान की पवित्रता नवरात्रि साधना का मूल आधार है.
– क्रोध, कलह और अपशब्द
नवरात्रि के पावन दिनों में वाणी और व्यवहार पर संयम रखना अत्यंत आवश्यक है. क्रोध, झगड़ा, कटु वचन और अपशब्दों से देवी का आशीर्वाद छिन सकता है. साधक को इन दिनों में शांत, विनम्र और भक्तिभाव से युक्त रहना चाहिए.
– लहसुन-प्याज और तामसिक भोजन
नवरात्रि में सात्विक आहार का पालन करना चाहिए. लहसुन, प्याज, मसालेदार और बासी भोजन का सेवन माता की उपासना में विघ्न डालता है. देवी दुर्गा को शुद्ध, सात्विक और प्रेम से अर्पित भोजन ही स्वीकार्य होता है..
– नकारात्मकता और अपवित्र विचार
साधना के दौरान मन में कोई भी नकारात्मक भावना, ईर्ष्या, द्वेष, लोभ या वासना जैसे विचार नहीं आने चाहिए. साधक का मन जितना शांत और निर्मल होगा, साधना उतनी ही फलदायी होगी. माता शक्ति को प्रसन्न करने हेतु मन, वचन और कर्म से पवित्रता अत्यंत आवश्यक है.
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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि अत्यंत शक्तिशाली और सिद्धिप्रदायक होती है. यदि इन दिनों में श्रद्धा, नियम और संयम के साथ देवी उपासना की जाए और इन निषिद्ध चीजों से दूरी बनाई जाए, तो साधक को माता की विशेष कृपा, सुरक्षा और चमत्कारी फल की प्राप्ति होती है.