Astro Tips : भारतीय सनातन धर्म में मंत्रों का उच्चारण केवल ध्वनि नहीं, बल्कि दिव्य ऊर्जा को जागृत करने का माध्यम माना गया है. विशेष रूप से प्रातःकाल का समय अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली होता है. जब शरीर, मन और आत्मा शांत होते हैं, तब उच्चारित किए गए मंत्र न केवल पॉजिटिव एनर्जी का संचार करते हैं, बल्कि भाग्य को भी जाग्रत कर देते हैं. यहां बताए जा रहे हैं ऐसे शुभ और प्रभावशाली मंत्र, जिन्हें प्रतिदिन प्रातःकाल उच्चारित करना चाहिए:-
– कराग्रे वसते लक्ष्मी… (प्रभात श्लोक)
कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती
करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्
हाथ के अग्रभाग में लक्ष्मी, मध्य में सरस्वती और मूल में गोविंद का वास है. सुबह उठते ही अपने हाथों का दर्शन करना सौभाग्य और ऊर्जा को आमंत्रित करता है.
– ओम श्री गणेशाय नमः
यह मंत्र विघ्नहर्ता भगवान गणेश का है.
प्रातःकाल इस मंत्र का 11 या 21 बार जप करने से दिनभर कार्यों में सफलता, बाधाओं से रक्षा और मानसिक शांति प्राप्त होती है. यह मंत्र विशेष रूप से किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में अनिवार्य माना गया है.
– ओम नमः शिवाय
यह पंचाक्षरी मंत्र भगवान शिव का है.
प्रातः स्नान आदि के पश्चात शांत चित्त से इसका 108 बार जप करने से मानसिक शुद्धि, नकारात्मक ऊर्जा का नाश और आध्यात्मिक उन्नति होती है. यह मंत्र दुख, रोग और भय से रक्षा करता है.
– ओम सूर्याय नमः
इस मंत्र का उच्चारण सूर्य नमस्कार या सूर्य को जल अर्पित करते समय करें.
यह मंत्र जीवन में तेज, आत्मबल, स्वास्थ्य और सफलता का संचार करता है. सूर्य देव का आशीर्वाद मिलने से आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता में वृद्धि होती है.
– ओम श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
यह बीज मंत्र देवी लक्ष्मी का है.
रोज सुबह इस मंत्र का जाप करने से आर्थिक समृद्धि, सौभाग्य और घर में स्थायी लक्ष्मी का वास होता है. यह मंत्र विशेष रूप से व्यापार, नौकरी और धन वृद्धि के लिए शुभ माना जाता है.
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प्रातःकाल मंत्र जाप से दिन की शुरुआत शुभ, सकारात्मक और ऊर्जावान होती है. ये मंत्र न केवल आपके भाग्य को प्रबल करते हैं, बल्कि आपके मन, कर्म और विचारों को भी पवित्र बनाते हैं. इन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल कर आप जीवन में सौभाग्य और शांति दोनों पा सकते हैं.