Bhaum Pradosh Vrat July 2025: सनातन परंपरा में प्रदोष व्रत का विशेष आध्यात्मिक महत्व है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा-अर्चना करने से साधक को जीवन की कई परेशानियों से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से शिव कृपा से रुके हुए कार्य भी पूर्ण होते हैं और सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है. ऐसे में आषाढ़ महीने में आने वाले अंतिम भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat 2025) की तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व जानना जरूरी है.
भौम प्रदोष व्रत मुहूर्त 2025 (Bhaum Pradosh Vrat Muhurat 2025)
- भौम प्रदोष व्रत- 8 जुलाई 2025
- प्रदोष पूजा मुहूर्त – 19:23 से 21:24
- दिन का प्रदोष समय – 19:23 से 21:24
जानिए भौम प्रदोष व्रत में पूजन का शुभ मुहूर्त
भौम प्रदोष व्रत के दिन पूजा का श्रेष्ठ समय प्रदोष काल होता है. इस वर्ष यह मुहूर्त शाम 7:23 बजे से रात 9:24 बजे तक रहेगा. कुल अवधि लगभग 2 घंटे 2 मिनट की होगी, जिसमें भगवान शिव की आराधना करना अत्यंत फलदायक माना गया है.
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भौम प्रदोष व्रत: पूजन विधि
व्रतधारी सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. फिर गोधूलि बेला में घर के मंदिर और मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं. इसके बाद नजदीकी शिव मंदिर जाएं और भगवान शिव का पंचामृत या जल से अभिषेक करें.
पूजन में कच्चा दूध, गंगाजल, बेलपत्र, सफेद चंदन, अक्षत, कनेर के फूल आदि अर्पित करें. इसके पश्चात भौम प्रदोष व्रत की कथा श्रवण करें और घी के दीपक से भगवान शिव की आरती करें. पूजा के अंत में “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें और भगवान से क्षमायाचना भी अवश्य करें.