Chaitra Navratri 2025 Kanya Pujan: चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन देवी मां की विशेष पूजा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. इस दिन कन्या पूजन की परंपरा सदियों से चली आ रही है. यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि आस्था और श्रद्धा का प्रतीक भी है, जिसमें छोटी कन्याओं को मां दुर्गा का रूप मानकर उनका पूजन किया जाता है. मान्यता है कि कन्या पूजन से मां दुर्गा शीघ्र प्रसन्न होती हैं और साधक को आशीर्वाद देती हैं. कन्या पूजन मुख्यतः अष्टमी या नवमी के दिन किया जाता है. इस दिन 2 से 10 वर्ष की कन्याओं को घर बुलाकर विधिपूर्वक उनका स्वागत किया जाता है, उन्हें भोजन कराया जाता है और उपहार देकर सम्मानित किया जाता है. यदि कन्या पूजन की विधि सही तरीके से की जाए, तो यह न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से लाभकारी होता है, बल्कि परिवार में सुख, शांति और समृद्धि भी लाता है.
कैसे करें नवरात्रि कन्या पूजन?
- कन्याओं का स्वागत करें – जब कन्याएं घर में आएं, तो उन्हें पहले सम्मानपूर्वक बिठाएं और उनके पैर धोकर उनका शुद्धिकरण करें. इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
- तिलक करें और पूजा करें – कन्याओं के माथे पर रोली और अक्षत का तिलक लगाएं. उन्हें मां दुर्गा का प्रतीक मानते हुए विधिपूर्वक आरती करें.
- भोग अर्पित करें – कन्याओं को हलवा, पूरी, चने और नारियल का प्रसाद देना शुभ माना जाता है. यह भोजन मां दुर्गा को प्रिय होता है और इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करना फलदायी होता है.
- उपहार और दक्षिणा प्रदान करें – भोजन के बाद कन्याओं को दक्षिणा और उपहार देकर सम्मानित करें. मां दुर्गा की चुनरी भेंट करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है.
- सम्मानपूर्वक विदाई दें – कन्याओं को खुशी-खुशी विदा करें और उनके चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लें. यह परिवार की सुख-समृद्धि के लिए शुभ होता है.
कन्या पूजन में न करें ये गलतियां
- नुकीले या धारदार वस्त्र न दें – पूजा के समय कन्याओं को चाकू, कैंची, या ब्लेड जैसी नुकीली चीजें उपहार में न दें, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है.
- काले रंग के कपड़े न दें – कन्या पूजन के अवसर पर काले कपड़े, काला रुमाल, या अन्य अशुभ वस्तुएं उपहार में देने से बचें.
- प्याज-लहसुन का भोजन न बनाएं – इस दिन केवल शुद्ध सात्विक भोजन तैयार किया जाता है. किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन न बनाएं, क्योंकि यह मां दुर्गा को अर्पित नहीं किया जाता.
- कन्याओं के जाने के बाद झाड़ू-पोंछा न लगाएं – ऐसा करना अशुभ माना जाता है और इससे पूजा का फल नष्ट हो सकता है.
कन्याओं को क्या दें उपहार में?
- शुभ वस्तुएं प्रदान करें – कॉपी, किताब, पेन, पेंसिल, टिफिन बॉक्स, मिठाई, फल, खिलौने, चूड़ियां, बिंदी, रिबन आदि का उपहार देना शुभ माना जाता है.
- प्लास्टिक और स्टील की वस्तुओं से परहेज करें – पूजा के समय स्टील या प्लास्टिक के बर्तनों को उपहार के रूप में न दें. इसके बजाय, धार्मिक ग्रंथ या मां दुर्गा की तस्वीर देना अधिक लाभकारी होता है.
- आर्थिक सहायता प्रदान करें – यदि संभव हो, तो कन्याओं को थोड़ी राशि दक्षिणा के रूप में दें, ताकि उनके परिवार को भी लाभ मिल सके.
कन्या पूजन का महत्व
कन्या पूजन केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि यह नारी शक्ति के प्रति सम्मान का प्रतीक भी है. यह हमें यह सिखाता है कि समाज में हर एक लड़की का आदर होना चाहिए और उसे देवी के रूप में मानते हुए उसकी सुरक्षा करनी चाहिए. जो व्यक्ति श्रद्धा और निष्ठा के साथ कन्या पूजन करता है, उसे मां दुर्गा की विशेष कृपा मिलती है. इस नवरात्रि, उचित विधि से कन्या पूजन करें और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें!
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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