Chaitra Navratri 2025: हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है. इसके साथ ही, हर वर्ष चैत्र नवरात्रि के दौरान हिंदू नववर्ष की शुरुआत भी होती है. धार्मिक परंपराओं के अनुसार, माता की सवारी का महत्व अत्यधिक होता है. आइए, हम जानते हैं कि मां अंबे के इस वाहन का क्या अर्थ है.
इस बार क्या है मां दुर्गा का वाहन
इस बार की नवरात्रि का महत्व इस कारण भी बढ़ गया है क्योंकि मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं. इसे एक शुभ संकेत माना जाता है. मां दुर्गा का हाथी पर आना और जाना, दोनों ही शुभ माने जाते हैं. आइए, हम मां अंबे के इस वाहन के अर्थ को समझते हैं.
चैत्र नवरात्रि 2025 की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
माता दुर्गा के हाथी वाहन का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवरात्रि के आरंभ और समापन के दिन के आधार पर माता दुर्गा का वाहन निर्धारित होता है. इस वर्ष नवरात्रि रविवार से प्रारंभ होकर सोमवार को समाप्त हो रही है. इस नियम के अनुसार, रविवार को आगमन और सोमवार को प्रस्थान का अर्थ है कि माता दुर्गा हाथी पर सवार होंगी. भागवत पुराण में भी माता की हाथी पर सवारी को अत्यंत शुभ माना गया है. यह वाहन सुख, समृद्धि, शांति और आर्थिक विकास का प्रतीक है. कहा जाता है कि जब माता हाथी पर आती हैं, तो देश में अच्छी वर्षा होने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे फसलें अच्छी होती हैं और धन-धान्य के भंडार भर जाते हैं.
चैत्र नवरात्रि 2025 की तिथियां
प्रतिपदा (कलश स्थापना) – 30 मार्च 2025, रविवार
मां शैलपुत्री की पूजा इस दिन की जाएगी
द्वितीया – 31 मार्च 2025, सोमवार
मां ब्रह्मचारिणी की आराधना का दिन
तृतीया – 1 अप्रैल 2025, मंगलवार
मां चंद्रघंटा की पूजा इस दिन होती है
चतुर्थी – 2 अप्रैल 2025, बुधवार
मां कूष्मांडा की आराधना का समय
पंचमी – 3 अप्रैल 2025, गुरुवार
मां स्कंदमाता की पूजा का दिन
षष्ठी – 4 अप्रैल 2025, शुक्रवार
मां कात्यायनी की आराधना इस दिन की जाती है
सप्तमी – 5 अप्रैल 2025, शनिवार
मां कालरात्रि की पूजा का अवसर
अष्टमी – 6 अप्रैल 2025, रविवार
मां महागौरी की आराधना इस दिन होती है
नवमी – 7 अप्रैल 2025, सोमवार
मां सिद्धिदात्री की पूजा के साथ नवरात्रि का समापन