Chaitra Navratri 2025 Upay: चैत्र नवरात्रि की शुरूआत रविवार 30 मार्च 2025 से होने जा रही है.नवरात्रि हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण और पवित्र उत्सव है, जिसमें मां दुर्गा की पूजा नौ दिनों तक की जाती है. इस अवसर पर भक्त मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न सामग्रियों का उपयोग करते हैं, जिनमें लौंग का विशेष स्थान है. लौंग का धार्मिक महत्व ही नहीं, बल्कि इसका आयुर्वेदिक और ज्योतिषीय महत्व भी है.
लौंग चढ़ाने का धार्मिक महत्व
मां दुर्गा की पूजा में लौंग चढ़ाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. यह मान्यता है कि लौंग में अद्भुत शक्ति होती है, जो न केवल वातावरण को शुद्ध करती है, बल्कि भक्तों के जीवन से सभी प्रकार के संकटों को भी दूर करती है. जब लौंग को हवन में डाला जाता है या दीपक में जलाया जाता है, तो इसकी सुगंध से वातावरण पवित्र हो जाता है, जिससे देवी की कृपा शीघ्रता से प्राप्त होती है.
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मां दुर्गा के विभिन्न अवतारों में लौंग का विशेष महत्व
- मां शैलपुत्री और ब्रह्मचारिणी: इन स्वरूपों की पूजा में लौंग चढ़ाने से मानसिक शांति और आत्मबल में वृद्धि होती है.
- मां चंद्रघंटा और कूष्मांडा: इन देवियों को लौंग अर्पित करने से भय और बीमारियों से मुक्ति मिलती है.
- मां कात्यायनी और कालरात्रि: इन रूपों की पूजा में लौंग अर्पित करने से शत्रुओं का नाश होता है और बाधाएं समाप्त होती हैं.
- मां सिद्धिदात्री: मां दुर्गा के इस स्वरूप को लौंग अर्पित करने से सभी प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति होती है.
लौंग चढ़ाने के ज्योतिषीय लाभ
ज्योतिष के अनुसार, लौंग शनि और राहु-केतु के दुष्प्रभावों को कम करने में सहायक होती है. नवरात्रि के अवसर पर मां दुर्गा को लौंग अर्पित करने से ग्रहों की बाधाएं समाप्त होती हैं और धन, सुख, शांति तथा समृद्धि की प्राप्ति होती है.
लौंग चढ़ाने की विधि
- नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के समक्ष घी का दीपक प्रज्वलित करें और उसमें दो लौंग डालें.
- मां दुर्गा को पुष्प, धूप और प्रसाद के साथ लौंग अर्पित करें.
- हवन के समय लौंग का उपयोग करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है.
- लौंग को अपने पास रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है.