Feeding First Roti To Cow: हिंदू संस्कृति में गाय को गौमाता के रूप में पूजा जाता है. धर्मग्रंथों के अनुसार, गाय के भीतर 33 कोटि देवी-देवताओं का वास होता है. इसलिए गौसेवा को अत्यंत पुण्यकारी और मोक्षदायी माना गया है. विशेष रूप से रसोई में बनाई गई पहली रोटी गाय को खिलाने की परंपरा को शुभ और फलदायी माना जाता है, जिसका उल्लेख कई पुराणों और शास्त्रों में मिलता है.
धार्मिक मान्यता और पुण्य लाभ
ऐसा विश्वास है कि जो व्यक्ति प्रतिदिन पहली रोटी गाय के लिए निकालकर प्रेमपूर्वक उसे खिलाता है, उसके जीवन में दुख, दरिद्रता और रोग प्रवेश नहीं करते. यह कार्य व्यक्ति को न केवल पुण्य प्रदान करता है, बल्कि उसके पूर्वज भी संतुष्ट होते हैं. गरुड़ पुराण के अनुसार, गाय को अन्न अर्पित करने से पितृगण प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.
पापों का नाश और मोक्ष प्राप्ति
गाय को रोटी खिलाना एक ऐसा साधन है जिससे अनजाने में किए गए पापों का भी शमन होता है. खासकर सोमवार, गुरुवार और शनिवार को यह सेवा करने से भगवान शिव, विष्णु और शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. कई धार्मिक मान्यताएं बताती हैं कि गौसेवा करने वाला व्यक्ति मृत्यु के बाद मोक्ष को प्राप्त करता है.
गृह में शांति और सकारात्मक ऊर्जा
गाय को रोटी खिलाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वातावरण शुद्ध व शांतिपूर्ण होता है. यह परंपरा करुणा, दया और सेवा भाव को भी बढ़ावा देती है, जिससे मानसिक संतुलन और आंतरिक शांति मिलती है.
गाय को पहली रोटी खिलाना केवल एक धार्मिक कृत्य नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग है. यह छोटी-सी परंपरा बड़े फल देने वाली है, जिसे हर व्यक्ति को अपने जीवन में अपनाना चाहिए.