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Guru Pradosh Vrat 2024: जुलाई में गुरु प्रदोष व्रत कब है? इस दिन सिर्फ 39 मिनट ही रहेगा शिव पूजा का समय, जानें सही तारीख-शुभ मुहूर्त और महत्व

Guru Pradosh Vrat 2024: आषाढ़ शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत कब किया जाएगा. त्रयोदशी तिथि कब प्रारंभ होगी और कब समाप्त होगी. प्रदोष काल क्या रहेगा. इस व्रत से जुड़ी जरूरी बातों को आप इस स्टोरी में जानेंगे. गुरु प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है. धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत से देवों के देव महादेव बहुत शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं और व्रत करता के मन की सभी प्रकार के मनोकामनाएं को पूर्ण कर देते हैं .

Guru Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत को जो लोग श्रद्धा भक्ति और विश्वास के साथ धारण करते हैं, उनके जीवन से सभी कष्ट समाप्त हो जाते है. प्रदोष व्रत प्रत्येक महीने में दो बार कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में किया जाता है. दोनों ही प्रदोष व्रत का अपना अलग-अलग महत्व है. गुरु प्रदोष व्रत जुलाई और आषाढ़ मास का अंतिम प्रदोष व्रत है, जो आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को है. प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव शंकर की पूजा करने का विधान है. प्रदोष व्रत की पूजा सूर्यास्त के बाद शुरू होती है. इस दिन रुद्राभिषेक कराने पर विशेष फल प्राप्त होता है.

प्रदोष व्रत कब है?

पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 18 जुलाई की रात 8 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी. इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 19 जुलाई को शाम 7 बजकर 41 मिनट पर होगी. इस बार प्रदोष व्रत की पूजा के लिए त्रयोदशी तिथि 18 और 19 जुलाई दोनों दिन मिल रही है. पंचांग के अनुसार गुरु प्रदोष व्रत 18 जुलाई को रखा जाएगा. गुरु प्रदोष व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए आपको 39 मिनट का ही शुभ समय प्राप्त होगा. वहीं शिव पूजा का शुभ मुहूर्त रात 8 बजकर 44 मिनट से रात 9 बजकर 23 मिनट तक है.

ब्रह्म योग और ज्येष्ठा नक्षत्र में रखा जाएगा गुरु प्रदोष व्रत

गुरु प्रदोष व्रत 18 जुलाई को है. इस दिन ब्रह्म योग और ज्येष्ठा नक्षत्र है. गुरु प्रदोष व्रत के दिन शुक्ल योग सुबह 6 बजकर 13 मिनट तक है. उसके बाद से ब्रह्म योग होगा, जो 19 जुलाई को प्रात: 4 बजकर 45 मिनट तक रहेगा. इसके साथ ही ज्येष्ठा नक्षत्र 18 जुलाई को सुबह से लेकर 19 जुलाई को 3 बजकर 25 मिनट तक है. प्रदोष व्रत यानि त्रयोदशी तिथि में रवि योग भी बन रहा है. रवि योग 19 जुलाई को 03 बजकर 25 मिनट से सुबह 5 बजकर 35 मिनट तक रहेगा.

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गुरु प्रदोष व्रत पर रुद्राभिषेक का समय

गुरु प्रदोष व्रत शिव जी के रुद्राभिषेक के लिए बहुत ही शुभ माना गया है. इस दिन आप रुद्राभिषेक करा सकते हैं. 18 जुलाई के दिन शिव का वास कैलाश पर प्रात: काल से लेकर रात 08 बजकर 44 मिनट तक रहेगा. उसके बाद उनका वास नंदी पर होगा.

गुरु प्रदोष व्रत का महत्व

गुरु प्रदोष व्रत रखकर शिव पूजा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. शिव कृपा से भक्तों के सभी दुखों और कष्टों का निवारण हो जाता है. इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होगा और दांपत्य जीवन की समस्याएं खत्म होती हैं. गुरु प्रदोष व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और कष्टों से मुक्ति मिलती है.

Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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