Guru Purnima 2025 : गुरु का स्थान शास्त्रों में ईश्वर से भी ऊपर बताया गया है – “गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरः” अतः इस दिव्य अवसर पर कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं जिन्हें गुरु को भेंट करना धार्मिक दृष्टि से वर्जित माना गया है. इन वस्तुओं को अर्पण करने से गुरु के स्थान का अपमान होता है और साधक को अनजाने में दोष लगता है, जिससे जीवन में विघ्न, मानसिक तनाव और आध्यात्मिक अवरोध उत्पन्न हो सकते हैं , यहां बताए जा रहे हैं ऐसी चीजें, जिन्हें गुरु पूर्णिमा के दिन भूलकर भी अपने गुरु को भेंट में नहीं देना चाहिए:-
– चमड़े से बनी वस्तुएं
धार्मिक दृष्टि से चमड़ा अपवित्र और तामसिक तत्वों से युक्त माना गया है. इसे गुरु को देना उनकी पवित्रता को बाधित करता है. शास्त्रों के अनुसार, चमड़े की वस्तु देने से शिष्य के पुण्य नष्ट होते हैं और गुरु की कृपा दूर हो सकती है.
– नुकीली या धारदार वस्तुएं (जैसे चाकू, कैंची आदि)
ऐसी वस्तुएं संबंधों में कटुता, विवाद और विघटन का प्रतीक होती हैं. गुरु और शिष्य का संबंध प्रेम और श्रद्धा पर आधारित होता है. धारदार वस्तुएं भेंट करने से इस पवित्र संबंध में दरार आ सकती है और जीवन में अस्थिरता आ सकती है.
– काले रंग की वस्तुएं
काला रंग तामसिक ऊर्जा और नेगेटिविटी का प्रतीक माना जाता है. गुरु को यह रंग अर्पित करना उनकी सात्विक ऊर्जा के विपरीत होता है. इससे शिष्य के जीवन में निराशा, भ्रम और असफलता आ सकती है.
– शराब या मांसाहार से जुड़ी वस्तुएं
गुरु को कोई भी अपवित्र या तामसिक वस्तु अर्पित करना बहुत बड़ा दोष माना जाता है. यहां तक कि इनका उल्लेख या स्मरण भी गुरु पूजा के दिन वर्जित है. इससे गुरु का अपमान होता है और साधक का आध्यात्मिक पतन हो सकता है.
– पुराने या टूटे हुए वस्त्र या सामान
गुरु को भेंट स्वरूप कोई भी वस्तु पूर्ण आदर और शुद्ध भाव से दी जानी चाहिए. पुराने या खंडित वस्त्र-सामान देना अनादर माना जाता है. यह शिष्य के दुर्भाग्य और आर्थिक संकट को आमंत्रित करता है.
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गुरु पूर्णिमा पर गुरु को भेंट देते समय शुद्ध मन, सात्विक भाव और मर्यादित वस्तुओं का ध्यान रखना चाहिए. गुरु के प्रति असम्मान या अनुचित अर्पण जीवन में संकट का कारण बन सकता है. इसलिए इन बातों का ध्यान रखकर ही गुरु पूजन करें और उनकी कृपा के अधिकारी बनें.