24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Hariyali Amavasya 2025: आज है हरियाली अमावस्या, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Hariyali Amavasya 2025: हरियाली अमावस्या का पर्व आज 24 जुलाई को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है. यह दिन भगवान शिव और पितरों की पूजा के लिए विशेष माना जाता है. जानिए हरियाली अमावस्या का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और इस दिन के महत्व से जुड़ी खास जानकारी.

Hariyali Amavasya 2025: श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को हर वर्ष हरियाली अमावस्या के रूप में श्रद्धा और भक्ति से मनाया जाता है. इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की अमावस्या का अपना धार्मिक महत्व होता है, लेकिन श्रावण की अमावस्या विशेष रूप से पितरों को समर्पित मानी जाती है. इस अवसर पर गंगा स्नान, दान, जप और पुण्य कर्मों से पितृ आत्माओं को शांति मिलती है. वैदिक गणना के अनुसार, इस वर्ष हरियाली अमावस्या आज 24 जुलाई 2025 को मनाई जा रही है.

Hariyali Amavasya 2025: शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 24 जुलाई 2025 को देर रात 02 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी. इसके तुरंत बाद अमावस्या तिथि की शुरुआत 24 जुलाई की रात 02 बजकर 28 मिनट पर होगी. सनातन धर्म में उदया तिथि को मान्यता दी जाती है, यानी किसी भी पर्व या व्रत की तिथि सूर्योदय के समय मानी जाती है. इस दृष्टि से हरियाली अमावस्या का पर्व 24 जुलाई 2025 को मनाया जा रहा है.

Hariyali Amavasya 2025: विशेष योग

इस वर्ष 24 जुलाई को हरियाली अमावस्या के दिन गुरु-पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो इस तिथि को और भी शुभ बना देता है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:15 से 4:57 बजे तक रहेगा. वहीं, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 2:26 से 3:58 बजे तक रहेगा, जो किसी भी शुभ कार्य के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है. इसी समय अवधि में अमृत काल भी रहेगा, जिससे यह समय विशेष रूप से पूजा-पाठ, दान और धार्मिक कर्मों के लिए उत्तम रहेगा.

हरियाली अमावस्या पर पूजा विधि

  • हरियाली अमावस्या का दिन भगवान शिव और पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें. इसके बाद घर के मंदिर या किसी शिवालय में जाकर भगवान शिव, माता पार्वती और पितरों की विधिवत पूजा करें.
  • शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, भस्म, अक्षत और पुष्प चढ़ाएं. “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप करें और शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करें. माता पार्वती को हल्दी, चूड़ियां, सिन्दूर और श्रृंगार सामग्री अर्पित करें.
  • पितृ पूजन के लिए जल में काले तिल, कुश और फूल मिलाकर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके तर्पण करें. पिंडदान कर पितरों का स्मरण करें और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें. इस अवसर पर जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और दक्षिणा दान करना अत्यंत पुण्यदायी होता है.
  • साथ ही, पीपल और तुलसी के पौधे की पूजा करें. पीपल को जल चढ़ाएं, दीपक लगाएं और सात परिक्रमा करें. हरियाली अमावस्या पर की गई यह पूजा पितृदोष निवारण के साथ घर में सुख-शांति और समृद्धि भी प्रदान करती है.
Shaurya Punj
Shaurya Punj
रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद मैंने डिजिटल मीडिया में 14 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव हासिल किया है. धर्म और ज्योतिष मेरे प्रमुख विषय रहे हैं, जिन पर लेखन मेरी विशेषता है. हस्तरेखा शास्त्र, राशियों के स्वभाव और गुणों से जुड़ी सामग्री तैयार करने में मेरी सक्रिय भागीदारी रही है. इसके अतिरिक्त, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर भी मैंने गहराई से काम किया है. 📩 संपर्क : [email protected]

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel