Holi 2025: हर वर्ष होली का पर्व चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है. इसे रंगों का त्योहार कहा जाता है. होलिका दहन के दिन को छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक के रूप में होलिका दहन किया जाता है.
कब है होली
13 मार्च, गुरुवार को प्रात: 10 बजकर 2 मिनट तक चतुर्दशी तिथि विद्यमान रहेगी. इसके पश्चात पूर्णिमा तिथि का आरंभ होगा, जो शुक्रवार 14 मार्च को सुबह 11 बजकर 11 मिनट तक जारी रहेगा. इस वर्ष होलिका दहन के समय भद्रा का प्रभाव रहेगा, इसलिए होलिका दहन रात 10 बजकर 44 मिनट पर, भद्रा की समाप्ति के बाद ही किया जा सकेगा.
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होली के दिन कुछ खास चीजें खाने से धार्मिक दृष्टिकोण से बचने की सलाह दी जाती है.ये सलाह मुख्य रूप से विभिन्न धार्मिक आस्थाओं, परंपराओं और व्रतों से जुड़ी होती हैं. इन चीजों को न खाने के पीछे कुछ प्रमुख धार्मिक कारण हो सकते हैं:
मांसाहार: होली के दिन मांसाहार से बचने की सलाह दी जाती है. धार्मिक दृष्टि से होली का पर्व शांति, भाईचारे और प्रेम का प्रतीक होता है, और मांसाहार इसे नकारता है. इसके अलावा, कई हिंदू धर्मावलंबियों के लिए मांसाहार का त्याग पुण्य का काम माना जाता है.
अल्कोहल और शराब: होली के दिन शराब और मादक पदार्थों से बचने का सुझाव दिया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मादक पदार्थ मनुष्य के विवेक को हानि पहुंचाते हैं और उन्हें संयमित एवं शुद्ध मन से ईश्वर की पूजा करनी चाहिए.
खट्टे या तले हुए खाद्य पदार्थ: कुछ धार्मिक परंपराओं में होली के दिन ज्यादा तली-भुनी या खट्टे भोजन से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं और शरीर को पवित्र रखने की बात की जाती है.
तेज मसालेदार खाना: होली के दिन तीव्र मसालेदार खाने से बचने का भी एक धार्मिक कारण हो सकता है, क्योंकि यह शरीर में असंतुलन और पवित्रता के विपरीत माना जाता है.