Janmashtami 2025 : जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण के अवतरण का दिव्य उत्सव है, यह दिन भक्ति, प्रेम और अनुशासन का प्रतीक है, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को घर पर श्रद्धा और विधिपूर्वक मनाने से जीवन में शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है, आइए जानें घर पर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाने की पूरी पूजन विधि और सामग्री:-
– पूजन स्थल की पवित्र तैयारी करें
सबसे पहले घर में एक शांत और स्वच्छ स्थान चुनें, जहां आप बाल गोपाल का झूला या मंदिर स्थापित कर सकें. वहां पीले या सफेद कपड़े का आसन बिछाएं. स्थान को आम के पत्तों, बंदनवार, फूलों, रंगोली और दीपों से सजाएं. यह वातावरण में पवित्रता और सौंदर्य लाता है.
– पूजन सामग्री की संपूर्ण सूची
पूजन के लिए निम्न सामग्री तैयार रखें:
श्रीकृष्ण की बाल स्वरूप मूर्ति या झूला
पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल)
फूल, तुलसी दल, माखन-मिश्री
धूप, दीपक, कपूर
रोली, अक्षत, चंदन
घंटी, शंख, भजन-संगीत
नैवेद्य में फल, मिठाई, व्रत का भोजन
इन सभी सामग्रियों का शुद्धता से संग्रह और उपयोग करें, क्योंकि श्रीकृष्ण को स्वच्छता और सरलता अति प्रिय है.
– पूजन विधि और अभिषेक प्रक्रिया
शाम को निशिता काल में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराए. फिर शुद्ध जल से अभिषेक कर उन्हें नए वस्त्र, मुकुट, बांसुरी, फूलों की माला और आभूषण पहनाएं. इसके बाद दीप जलाएं और आरती करें.
आरती के बाद श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री, तुलसी पत्र और फल अर्पित करें. भक्ति भाव से 108 नामों या श्रीकृष्णाष्टक का पाठ करें.
– भजन-कीर्तन और झूला उत्सव
पूजा के पश्चात घर में भजन-कीर्तन करें. भगवान को झूले में झुलाएं, जैसे ब्रज में राधा और गोपियां झुलाती थीं. यह क्रिया आध्यात्मिक प्रेम और उत्सव का स्वरूप है. बच्चे और बुजुर्ग सभी इस आयोजन में भाग लें.
– प्रसाद वितरण और व्रत पारण
रात्रि में भगवान का जन्म होते ही घंटी, शंख और जयकारे के साथ “नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की” गाएं. भगवान को भोग अर्पित कर सभी को प्रसाद बांटे अगले दिन व्रतधारी फलाहार से व्रत पारण करें.
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जन्माष्टमी 2025 पर यदि आप श्रद्धा, नियम और प्रेम से घर पर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाते हैं, तो यह न केवल आध्यात्मिक उन्नति का कारण बनता है, बल्कि पूरे परिवार में आनंद, भक्ति और ऊर्जा का संचार करता है.