Lal Kitab : लाल किताब न केवल ज्योतिषीय उपायों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसमें पूजा-पाठ और आध्यात्मिक साधना से जुड़े कुछ विशिष्ट नियम भी बताए गए हैं. ये नियम व्यक्ति के ग्रहों, कर्म और आध्यात्मिक ऊर्जा पर सीधा प्रभाव डालते हैं. पूजा के समय अगर कुछ चीज़ों से परहेज न किया जाए, तो उसका उल्टा प्रभाव भी संभव है. आइए जानते हैं लाल किताब के अनुसार पूजा के समय किन चीजों से अवश्य बचना चाहिए:-
– लोहे या एल्यूमिनियम के बर्तनों का प्रयोग न करें
लाल किताब के अनुसार लोहे के पात्रों का संबंध शनि ग्रह से होता है. पूजा में इनका प्रयोग करने से नेगेटिव एनर्जी उत्पन्न हो सकती है और पूजा का शुभ प्रभाव कम हो सकता है.
– काले रंग के वस्त्र या सामग्री का प्रयोग वर्जित है
लाल किताब में काले रंग को राहु और शनि की छाया माना गया है. पूजा-पाठ में इसका प्रयोग अवरोध पैदा कर सकता है, विशेषकर सुबह की पूजा में.
– बासी फूल और बिना सुगंध वाली सामग्री न चढ़ाएं
लाल किताब के अनुसार देवी-देवताओं को शुद्ध, ताजे और सुगंधित पुष्प ही अर्पित करने चाहिए. बासी या मुरझाए फूल ग्रहदोषों को भड़काते हैं.
– पूजा स्थान पर जूठे हाथों से कुछ भी न छुएं
लाल किताब में कहा गया है कि पूजा का स्थान अत्यंत पवित्र होता है. जूठे या अशुद्ध हाथों से पूजा सामग्री को छूना ग्रहों की कृपा को घटा सकता है.
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लाल किताब केवल उपायों की नहीं, आचरण की भी किताब है. पूजा-पाठ में शुद्धता, सावधानी और भक्ति के साथ-साथ इन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है. जब हम इन छोटी-छोटी बातों का पालन करते हैं, तब ही पूजा फलदायी होती है और ग्रहों की कृपा सच्चे रूप में प्राप्त होती है.