Maha Kumbh 2025 Aakhri Snan: महाशिवरात्रि के दिन 45 दिन तक चलने वाला महाकुंभ की समाप्ति होगी ज्योतिषशास्त्र तथा शास्त्रीय परंपरा के अनुसार तीर्थ राज प्रयाग में 45 दिन तक चलने वाला महाकुम्भ का स्नान तथा दान का मेला समाप्त होगा. ऐसे तो तीर्थो के राजा प्रयागराज के संगम में किसी भी समय स्नान तथा दान कर सकते है. ऐसा जरुरी नहीं है. महाशिवरात्रि पर दान तथा स्नान करना जरुरी है 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन कुम्भ स्नान करने से भगवन भोलेनाथ प्रसन्न होने तथा सभी मनोकामना पूर्ण करेगे.60 वर्ष बाद बन रहा है महाशिवरात्रि पर ग्रहों का शुभ संयोग.
महाशिवरात्रि के दिन कई ग्रहों का शुभ संयोग
कुम्भ मेला भारतीय संस्कृति और परम्परा का सबसे बड़ा अद्भुत धार्मिक आयोजन होता है यह आयोजन कथा के अनुसार समुन्द्र मंथन से है समुन्द्र मंथन से प्राप्त हुए अमृत कलश से अमृत की बूंदे गिरी, तब से यह परंपरा आरंभ हुआ. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह आयोजन देवगुरु वृहस्पति तथा सूर्य के गोचर पर निर्भर करता है.इस साल 2025 में महाशिवरात्रि के दिन कई ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शनि सूर्य और कुम्भ राशि में विराजमान रहेंगे. शुक्र राहु मीन राशि में संचरण करेगे केतु कन्या राशि में रहेगे.दिन में श्रवण नक्षत्र सांध्य में घनिष्ठा नक्षत्र परिघ योग रहेगा, चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे.
महाशिवरात्रि के दिन करे भगवन शिव का अभिषेक, मिलेगी कालसर्प दोष से राहत
इस दिन भगवान शिव के पूजन के लिए बहुत शुभ योग बन रहा है इसलिए कुम्भ स्नान करने के बाद भगवान शिव का पूजन करने से पुण्य में दोगुना लाभ प्राप्त होता है.मान्यता यह है भगवान भोलेनाथ अपने मस्तक पर चंद्रमा को विराजमान कर रखे है तथा उनके मस्तक के जटा से गंगा प्रभावित होती है इसलिए इस दिन स्नान दान करने से पुन्य प्राप्त होगा साथ में महाशिवरात्रि पर बनने वाला ग्रहों का दुर्लभ संयोग शिव साधना ,व्रत तथा ध्यान से केवल आध्यात्मिक शक्ति ही नहीं बल्कि सभी मनोकामना पूर्ण होता है.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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