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Masik Shivratri 2024 Vrat Katha: आज मासिक शिवरात्रि पर पढ़ें ये व्रत कथा, जीवन में आएगा सुख चैन

Masik Shivratri 2024 Vrat Katha: हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि व्रत का अत्यधिक महत्व है. इस दिन देवों के देव महादेव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. मासिक शिवरात्रि व्रत के अवसर पर आपको इस कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए.

Masik Shivratri 2024 Vrat Katha: भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है. इसके अतिरिक्त, हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का आयोजन भी किया जाता है. इस दिन भक्तजन व्रत रखते हैं और भगवान शिव की आराधना करते हैं. इस संदर्भ में, आज 29 नवंबर 2024 को मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है. आइए जानें इस पूजा में कौन सी कथा का पाठ करने से जीवन में सुख शांति आती है.

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Masik Shivratri 2024 Vrat Katha: आज मासिक शिवरात्रि पर करें इस आरती का पाठ 

मासिक शिवरात्रि व्रत कथा

प्राचीन पौराणिक कथा के अनुसार, चित्रभानु नामक एक शिकारी हुआ करता था, जो अपने परिवार का भरण-पोषण जानवरों का शिकार करके करता था. उस शिकारी पर एक साहूकार का कर्ज था, जिसे वह लंबे समय से चुका नहीं पा रहा था. इस कारण साहूकार ने एक दिन उसे शिव मठ में बंदी बना लिया. संयोग से, उस दिन शिवरात्रि थी. साहूकार के घर पूजा का आयोजन हो रहा था, और शिकारी ध्यानपूर्वक भगवान शिव से संबंधित धार्मिक वार्ताएँ सुनता रहा. अगले दिन उसने शिवरात्रि व्रत की कथा भी सुनी. शाम को साहूकार ने उसे बुलाया और कर्ज चुकाने के विषय में चर्चा की. शिकारी ने अगले दिन सारा कर्ज चुकाने का वचन देकर कैद से मुक्त होकर चला गया.

वह प्रतिदिन की भांति जंगल में शिकार के लिए निकला. लेकिन दिनभर बंदी गृह में रहने के कारण वह भूख और प्यास से अत्यंत परेशान था. शिकार की खोज में वह काफी दूर निकल गया. जब रात का अंधेरा छा गया, तो उसने यह सोच लिया कि आज रात उसे जंगल में ही बितानी पड़ेगी. वह वन में एक तालाब के किनारे एक बेल के पेड़ पर चढ़कर रात बिताने का इंतजार करने लगा. बिल्व वृक्ष के नीचे एक शिवलिंग था, जो बिल्वपत्रों से ढका हुआ था, लेकिन शिकारी को इसका ज्ञान नहीं हुआ. जब उसने पड़ाव बनाने के लिए टहनियां तोड़ीं, तो वे संयोगवश शिवलिंग पर गिर गईं. इस प्रकार, दिनभर भूखे-प्यासे शिकारी का व्रत भी पूरा हो गया और शिवलिंग पर बिल्वपत्र भी चढ़ गए.

एक पहर रात्रि बीतने के बाद, एक गर्भवती हिरणी तालाब पर जल पीने आई. जैसे ही शिकारी ने धनुष पर तीर चढ़ाया और प्रत्यंचा खींची, हिरणी ने कहा, “मैं गर्भवती हूँ और जल्द ही बच्चे को जन्म देने वाली हूँ. तुम एक साथ दो प्राणियों की हत्या करोगे, जो उचित नहीं है. मैं अपने बच्चे को जन्म देकर शीघ्र ही तुम्हारे सामने आ जाऊंगी, तब तुम मुझे मार लेना.” शिकारी ने प्रत्यंचा ढीली कर दी और हिरणी जंगली झाड़ियों में गायब हो गई. प्रत्यंचा खींचने और ढीली करने के दौरान कुछ बिल्व पत्र अनायास ही टूटकर शिवलिंग पर गिर गए. इस प्रकार, अनजाने में ही प्रथम प्रहर की पूजा भी संपन्न हो गई.

Shaurya Punj
Shaurya Punj
रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद मैंने डिजिटल मीडिया में 14 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव हासिल किया है. धर्म और ज्योतिष मेरे प्रमुख विषय रहे हैं, जिन पर लेखन मेरी विशेषता है. हस्तरेखा शास्त्र, राशियों के स्वभाव और गुणों से जुड़ी सामग्री तैयार करने में मेरी सक्रिय भागीदारी रही है. इसके अतिरिक्त, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर भी मैंने गहराई से काम किया है. 📩 संपर्क : [email protected]

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