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Nautapa 2025 हुआ आरंभ, आज से 9 दिन सूरज बरपाएगा कहर, जानें क्या करें क्या नहीं

Nautapa 2025 : हिन्दू धर्म में यह मान्यता है कि नौतपा के दौरान व्रत, टेका और देवी-देवताओं की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है. इसके साथ ही, कुछ सावधानियों का पालन करना भी आवश्यक है ताकि शुभ फल प्राप्त हो सकें.

Nautapa 2025: नौतपा के समय धार्मिक दृष्टिकोण से सुबह और शाम की पूजा तथा धार्मिक अनुष्ठानों का विशेष महत्व होता है. यह अवधि धार्मिक कर्मकांड और पूजा-पाठ के माध्यम से मनोकामनाओं को पूरा करने का भी समय होती है. हिन्दू धर्म में यह विश्वास किया जाता है कि इस गर्मी के मौसम में व्रत, टेका और देवी-देवताओं की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है. साथ ही, कुछ सावधानियों का ध्यान रखना भी आवश्यक है ताकि शुभ फल प्राप्त हो सके और अशुभ प्रभाव से बचा जा सके. आइए जानते हैं – नौतपा के दौरान धार्मिक दृष्टि से हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं.

क्या करें

गणेश जी का व्रत और पूजा

परंपरागत रूप से नौतपा के दौरान गणेश जी की पूजा का महत्व अत्यधिक है. उनके मंत्रों का जप और व्रत करने से घर में सुख-शांति और मंगलकाल का आगमन होता है. प्रत्येक दिन सुबह और शाम पूजा करें और मोदक का भोग अर्पित करें.

Nautapa 2025 में प्राप्त करें सूर्य देव की कृपा

सरस्वती पूजा

इस समय विद्या और बुद्धि की देवी माँ सरस्वती की पूजा अत्यंत फलदायी होती है. विद्यार्थियों के लिए यह एक शुभ अवसर है. वासुदेव, ब्रह्मा, विष्णु और शिवजी की पूजा करके शुभ आशीर्वाद प्राप्त करें.

पवित्र स्थान पर स्नान और पूजा

सूर्य के उगने के समय स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनकर सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करें. इससे जीवन शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

मंत्र का जप और जाप

इस समय हल्के मंत्र जप, जैसे ‘ॐ गं गणपतये नमः’ या सूर्य मंत्र का जप करके मनोकामनाएं पूर्ण करें. नियमित पूजा और कीर्तन से मन को शांति मिलती है और शुभ प्रभाव में वृद्धि होती है.

सकारात्मक सोच और सदाचरण

इस समय वाणी और कर्म पर विशेष ध्यान दें. पवित्रता और सदाचार का पालन करें. अपने घर में पूजा की थाली, लाल फूल, और लाल रंग की माला का उपयोग करें.

दान और उपहार

जरूरतमंदों को कपड़े, खाद्य सामग्री या चिकित्सा सहायता आदि का दान करें. इससे सकारात्मक ऊर्जा और शुभता में वृद्धि होती है.

क्या नहीं करें

  • अध्यात्मिक कार्यों में कठोरता और क्रोध न दिखाएँ. गुस्सा या तनाव से शुभता में रुकावट आती है.
  • कुश्ती, युद्ध या विवाद जैसी समर्थ गतिविधियों से बचें. इससे घर में अशांति और नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
  • अशुद्ध और अस्थायी वस्त्रों का उपयोग न करें. इसके साथ ही, पूजा में चावल, तिल और पवित्र वस्तुओं का ही उपयोग करें.
  • पवित्र स्थान के बाहर से पूजा सामग्री नहीं लानी चाहिए. इससे (environment) अशुभ संकेत उत्पन्न हो सकता है.
  • अधार्मिक और अनैतिक कार्यों से दूर रहें. व्रत, पूजा और सदाचार का पालन करें.
Shaurya Punj
Shaurya Punj
रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद मैंने डिजिटल मीडिया में 14 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव हासिल किया है. धर्म और ज्योतिष मेरे प्रमुख विषय रहे हैं, जिन पर लेखन मेरी विशेषता है. हस्तरेखा शास्त्र, राशियों के स्वभाव और गुणों से जुड़ी सामग्री तैयार करने में मेरी सक्रिय भागीदारी रही है. इसके अतिरिक्त, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर भी मैंने गहराई से काम किया है. 📩 संपर्क : [email protected]

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