Neem Karoli Baba Kainchi Dham: हर वर्ष की तरह इस बार भी आज 15 जून 2025 को कैंची धाम में स्थापना दिवस मनाया जाएगा. काफी दिनों से इसकी भव्य तैयारियां जोरों पर हैं. आयोजन से पहले ही श्रद्धालुओं का जनसैलाब यहां उमड़ने लगता है. देश-विदेश से भक्तजन इस पावन अवसर पर नीम करोली बाबा के दर्शन के लिए कैंची धाम पहुंचते हैं, जहां उत्सव का माहौल अद्भुत होता है.
कब से हो रहा है भव्य मेले का आयोजन
उत्तराखंड के भवाली स्थित कैंची धाम की स्थापना जून 1964 में नीम करोली बाबा द्वारा की गई थी. कहा जाता है कि वर्ष 1962 में बाबा की मुलाकात कैंची गांव के पूर्णानंद से हुई, जिसके बाद उन्होंने सोमबारी महाराज के निवास स्थल को देखने की इच्छा प्रकट की. बाद में सोमबारी महाराज की यज्ञशाला खोजी गई और वहां सफाई कर एक चबूतरे का निर्माण हुआ. इसी चबूतरे पर हनुमान जी का मंदिर स्थापित किया गया और 15 जून को मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई. तभी से हर साल 15 जून को यहां भव्य मेले का आयोजन होता है. हनुमान जी के अवतार माने जाने वाले नीम करोली बाबा ने 1973 में वृंदावन में शरीर त्याग दिया था. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गांव में हुआ था और बचपन में उनका नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था.
भक्तों में बांटा जाएगा मालपुए का प्रसाद
हर वर्ष 15 जून को कैंची धाम के स्थापना दिवस पर आश्रम में विशेष रूप से मालपुए का प्रसाद बांटा जाता है. मान्यता है कि नीम करौली बाबा को मालपुए अत्यंत प्रिय थे, इसलिए इस दिन यह प्रसाद श्रद्धालुओं के बीच वितरित किया जाता है. बताया जाता है कि देश-विदेश की कई प्रसिद्ध हस्तियां भी बाबा के दर्शन के लिए यहां आ चुकी हैं. यदि आप भी इस वर्ष कैंची धाम जाने का विचार बना रहे हैं, तो मेले की भव्यता और मालपुए के प्रसाद का आनंद लेना न भूलें.