Palmistry Lucky Mountain Sign: ज्योतिषी शास्त्रों के अनुसार पर्वतों की दिशा स्थिति उनके आधार पर निश्चित स्थानों पर उनकी मौजूदा स्थिति से किसी भी व्यक्ति की भौतिक, मानसिक और नैतिक प्रवृत्ति के स्वभाव का पता चलता है.वहीं पर्वत रेखा मानव की अंतर आत्मा के रहस्यों की कुंजी को बताता हैं. यह पर्वत रेखाएं आठ प्रकार के होते हैं.जिसमें बृहस्पति पर्वत, शनि पर्वत, सूर्य पर्वत, बुध पर्वत, उच्च मंगल पर्वत, चंद्र पर्वत, शुक्र पर्वत, और निम्न मंगल पर्वत रेखाएं शामिल होती हैं.
चंद्र पर्वत
यह उच्च मंगल पर्वत रेखाएं के ठीक नीचे होता है, हाथ के ये बुध पर्वत के एकदम नीचे हाथ के दूसरी जगह भाग के साथ-साथ हृदय और मस्तिष्क रेखा के बीच के स्थान को घेरता है. जिनका उच्च मंगल पर्वत हाथ के सिरे की तरफ होता है, वह बड़े निडर और हिम्मती सहनशील प्रकार के होते हैं. जबकि वहीं हथेली पर यह तेज स्वभाव के हो जाते हैं.चंद्र पर्वत की ओर आने पर ऐसे लोगों में मोह ममता भरी शक्ति बढ़ती है.यह भाग्य के साथ साथ, मणिबंध के पास स्थित होता है.जिसका चंद्र पर्वत उच्च मंगल पर्वत की तरफ होता है वह संवेदनशील सुनियंत्रित, से भरपूर और संगीत में अधिक रुचि रखता हैं.वही मणिबंध की तरफ अगर यह खिसकने पर यह लोग जंगली कल्पनाओं वाले हो जाते हैं.
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शुक्र पर्वत
अगर आपके सामान्य गठन वाली रेखाएं आपके हाथ मेंहै तो, यह पर्वत अंगूठे के मूल और जीवन रेखा सुखी रहता है, वहीं पहले मणिबंध अंगूठे और पहली उंगली से बने कोण के बीचो-बीच पर स्थित होता है.जिससे शुक्र पर्वत अंगूठे की तरफ होता है तो भावनाएं इच्छाशक्ति पर हावी होती हैं.जबकि वहीं यह मणिबंध की तरफ हो तो दैहिकता बढ़ती जाती है.
निम्न मंगल पर्वत
इस पर्वत को देखकर अक्सर पहचान पाना मुश्किल हो जाता है.क्योंकि इसका उभरे रूप मिलना कठिन होता है.साथ ही यह बृहस्पति पर्वत तक ये जीवन रेखा के आरंभिक बिंदु रेखा तक फैला होता है. वहीं अगर यह शुक्र पर्वत की तरफ बढ़ता हो तो प्रेम में सहनशक्ति और विश्वास की भाव प्रकट होता है.वहीं बृहस्पति पर्वत की तरफ अगर हो तो गौरवान्वित और सहनशक्ति दोनों को बढ़ावा मिलता है.वहीं अंगूठे की तरफ होने से उत्कृष्ट इच्छाशक्ति और संवेदनशीलता प्राप्त होती है.
बृहस्पति पर्वत
बृहस्पति पर्वत रेखाएं पहली उंगली के मूल और मस्तिष्क रेखा के मध्य पर होता है. अगर यह पहली उंगली की तरफ ज्यादा खिंचा हुआ होता हैं, तो ऐसे व्यक्ति में तेज ऊर्जा वाले अहंकार और गर्व की भावना देखने को मिलती है.वहीं अगर यह शनि पर्वत की तरफ होतो है तो, ऐसे लोग इंट्रोवर्ड होते हैं.जो हृदय रेखा के पास होने से इन जातकों में प्रेम के प्रति विश्वास की भावना उत्पन्न हो सकती है. वहीं जबकि ये अगर मस्तिष्क रेखा की तरफ हो तो प्रतिभा और रुचि पर गर्व का भाव पैदा होता है. साथ ही अगर शनि पर्वत दूसरी उंगली के मूल में ह्रदय रेखा के पास या दूसरी और तीसरी उंगली के बीच पर स्थित हो तो,यह दूसरी उंगली की तरफ तो मानते हैं कि ऐसे लोग एकांत प्रेमी स्वाभव और कभी कभी आशंकित प्रकार के होते हैं. साथ ही सूर्य पर्वत की तरफ जाता हैं तो स्वास्थ्य अच्छा होता है.
सूर्य पर्वत
यह रेखाएं तीसरी उंगली के मूल में ह्रदय रेखा और तीसरी चौथी उंगली के बीच में होता है. वहीं अगर सूर्य पर्वत तीसरी उंगली की तरफ हो तो लोगों के प्रति नर्मस्वभाव रखने योग बनते है. वहीं शनि पर्वत की तरफ होने से पशुओं के प्रति दिखाव भरी प्रेम बनता है.साथ ही बुध पर्वत की तरफ होने से व्यक्ति की कलात्मक प्रतिभा का रुचि में बढ़ावा मिलता है.अगर हृदय रेखा की तरफ खिंचा हो तो दया,मोह-माया के भाव प्रकट होते है.
बुध पर्वत
चौथी उंगली के मध्य में हृदय रेखा और हाथ के गद्दी वाले सिरे के बीच में बुध पर्वत स्थिति होता है. जिन जातकों का बुध पर्वत चौथी उंगली की तरफ होता है, उनमें विनम्र स्वभाव , बात करने की शालीनता देखने को मिलती है सूर्य पर्वत की तरफ खींचे होने से इनके बोल-चाल और भाषण में लच्छेदार और सरल भाषा का प्रयोग अधिक करते है.यह कला रुचि से संबंध्ति व्यवसाय में वृद्धि करते हैं.वहीं जिनके हाथ के सिरे की तरफ रेखाएं होने से आप सुख समृद्धि और संपत्ति पूर्ण माने जाते हैं जबकि उच्च मंगल पर्वत की तरफ रेखाएं आने से यह जातक योद्धा या युद्ध से जुड़े होते हैं.
उच्च मंगल पर्वत
ये रेखाएं ठीक बुध पर्वत के एकदम नीचे हाथ के पार्श्व भाग के साथ हृदय और मस्तिष्क रेखा के स्थान को घेरता है. जिनका भी उच्च मंगल पर्वत हाथ के सिरे की तरफ खिंचा होता है, वह बड़े साहसी वाले बलवान,हिम्मती वाले होते हैं.साथ ही जबकि हथेली की तरफ होने से यह उग्रवादी स्वभाव के हो जाते हैं.साथ -साथ अगर चंद्र पर्वत की तरफ रेखाएं आने से लोगों में सम्मोहन शक्ति और सम्मान भाव बढ़ता है.