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Premanand Ji Maharaj Ji से विराट अनुष्का ने लिया आशीर्वाद, जानें कैसे बरसेगी ईश्वर की कृपा

Premanand Ji Maharaj Quotes: विराट कोहली और अनुष्का शर्मा ने हाल ही में वृंदावन में प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज से मुलाकात की. इस खास मुलाकात में महाराज जी ने उन्हें भगवान की कृपा पाने के दो विशेष उपाय बताए. प्रेमानंद जी ने समझाया कि भगवान की सच्ची कृपा वैभव या शोहरत में नहीं, बल्कि भीतर के चिंतन में बदलाव में होती है. उन्होंने गुरु मंत्र के रूप में 'राधा राधा' नाम जपने की सलाह दी और कहा कि नामस्मरण और संतों का संग, यही है ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग.

Premanand Ji Maharaj, Premanand Ji Maharaj Quotes: जब कोई इंसान अपने जीवन की ऊंचाइयों पर होता है और फिर भी सच्चाई और अध्यात्म की ओर रुख करता है, तो वह सच में प्रेरणादायक बन जाता है. ऐसा ही कुछ देखने को मिला जब भारत के मशहूर क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्नी, अभिनेत्री अनुष्का शर्मा वृंदावन में प्रेमानंद जी महाराज के आश्रम पहुंचे. यह सिर्फ एक मुलाकात नहीं थी, बल्कि भगवान की ओर एक आध्यात्मिक कदम था.

विराट-अनुष्का को मिला आध्यात्मिक संदेश

वृंदावन की शुद्ध और शांत फिजाओं में जब विराट कोहली और अनुष्का शर्मा प्रेमानंद जी महाराज से मिलने पहुंचे, तो वहां एक विशेष आध्यात्मिक संवाद हुआ. महाराज जी ने उन दोनों को भगवत प्राप्ति का मार्ग बताया और एक सरल लेकिन गहरा गुरु मंत्र दिया ‘राधा राधा’. उन्होंने समझाया कि अगर कोई व्यक्ति अपने मन में सच्चे भाव से प्रभु का नाम जपे, तो वह भगवान के और करीब आ जाता है. अनुष्का ने पूछा कि क्या नाम जप से सब संभव है, तब महाराज जी ने बताया कि भक्ति योग, कर्म योग, और ध्यान योग की राह से होकर जो भजन तक पहुंचता है, वही सही अर्थ में भगवत प्राप्ति की ओर बढ़ता है.

ये काम करने से मिलती है भगवान की विशेष कृपा

प्रेमानंद जी महाराज ने विराट और अनुष्का को समझाया कि भगवान की कृपा धन, प्रसिद्धि या आराम से नहीं मापी जाती. असली कृपा तब होती है जब हमारा भीतर का चिंतन बदलता है. उन्होंने कहा कि जीवन में विपरीत परिस्थितियां आएं, तो उसे भगवान की कृपा समझना चाहिए. क्योंकि वहीं से शुरू होती है सच्ची भक्ति की राह.

महाराज जी ने दो मुख्य बातें बताईं जो भगवान की कृपा पाने के लिए जरूरी हैं

  • संतों का संग: जब भगवान कृपा करते हैं, तो किसी को सत्संग यानी संतों का संग मिल जाता है. संतों की संगति मन और आत्मा को शुद्ध करती है.
  • विपरीत परिस्थितियां: दूसरी कृपा तब होती है जब जीवन में कठिनाइयां आती हैं. यही वो समय होता है जब व्यक्ति का भीतर से परिवर्तन शुरू होता है और उसे प्रभु की शांति का मार्ग मिलता है.

महाराज जी ने सलाह दी कि सांसारिक जीवन जियो लेकिन भीतर से चिंतन बदलो. मन में धन या यश की इच्छा न रखो, बल्कि कहो – “प्रभु मुझे आप चाहिए, संसार नहीं.” शांत भाव से प्रभु का नाम जपो, दिन में एक बार ध्यान लगाकर ‘राधा राधा’ लिखो, यही साधना है. यही जीवन का सार है.

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