Raksha Bandhan 2025 : रक्षाबंधन हिन्दू संस्कृति का अत्यंत पावन और पवित्र पर्व है, जो भाई-बहन के प्रेम, विश्वास और रक्षा के संकल्प का प्रतीक है. श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह त्योहार न केवल सामाजिक, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है. राखी बांधने की परंपरा केवल एक बाह्य क्रिया नहीं, बल्कि मंत्र, श्रद्धा और विधिपूर्वक की गई पूजा से जुड़ी होती है. यदि बहन राखी बांधने से पूर्व कुछ आवश्यक धार्मिक उपाय करे, तो भाई को दीर्घायु, समृद्धि और सफल जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है. नीचे दिए गए हैं महत्वपूर्ण उपाय, जो रक्षाबंधन पर अवश्य करने चाहिए:-
– राखी बांधने से पूर्व करें स्नान और संकल्प
पर्व के दिन सूर्योदय से पहले या ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें. पूजन से पूर्व “भ्रातृरक्षा सूत्र-बंधनम् करिष्ये” का संकल्प लें. यह संकल्प मन, वचन और कर्म से राखी को धर्म से जोड़ता है और उसकी शक्ति को जाग्रत करता है.
– रक्षा सूत्र को गाय के घी या गंगाजल से शुद्ध करें
राखी को बांधने से पूर्व शुद्ध जल, विशेषकर गंगाजल, अथवा गाय के घी में हल्का सा स्पर्श कराएं. इससे वह रक्षा सूत्र दैविक ऊर्जा से युक्त होता है और उसके प्रभाव से भाई पर आने वाले संकट टलते हैं.
– भाई को तिलक लगाते समय बोलें रक्षा मंत्र
तिलक लगाते समय निम्न रक्षा मंत्र बोलना अत्यंत शुभ माना गया है:
“येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्रो महाबलः
तेन त्वां प्रतिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल”
यह मंत्र अदृश्य शक्तियों से रक्षा करता है और भाई को आयुष्य प्रदान करता है.
– अक्षत, दूर्वा और फूल रखें पूजन थाली में
रक्षा सूत्र बांधने की थाली में रोली, चावल, दूर्वा, चंदन और फूल अवश्य रखें. ये पंचोपचार सामग्रियां देवपूजन की तरह मानी जाती हैं और भाई को आध्यात्मिक बल, बुद्धि और उन्नति का वरदान देती हैं.
– राखी बांधने के बाद करें गौ माता या ब्राह्मण सेवा
राखी बांधने के पश्चात बहन यदि अपने भाई के नाम से गौ सेवा, अन्नदान या ब्राह्मण पूजन करे, तो उसका फल कई गुना बढ़ जाता है. यह सेवा सात पीढ़ियों तक पुण्य देने वाली मानी गई है.
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रक्षाबंधन केवल एक पर्व नहीं, एक धार्मिक संकल्प और आत्मिक संबंध का उत्सव है. यदि बहन श्रद्धा, मंत्र और विधिपूर्वक राखी बांधे, तो भाई के जीवन में आयुष्य, विजय और आरोग्य सदा विद्यमान रहते हैं.