Raksha Bandhan 2025 : रक्षाबंधन केवल भाई-बहन के प्रेम का पर्व नहीं है, यह एक धार्मिक और वैदिक परंपरा भी है. राखी बांधते समय बोले जाने वाले मंत्रों में सुरक्षा, आशीर्वाद और समृद्धि की कामना होती है. आइए जानते हैं रक्षाबंधन के दिन बोले जाने वाले प्रमुख मंत्र, उनका अर्थ और उपयोग विधि:-
– मुख्य रक्षा मंत्र
“ओम येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्रो महाबलः
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल”
अर्थ:
जिस मंत्र से प्राचीन काल में महाबली राजा बलि को बांधा गया था, उसी मंत्र से मैं तुम्हारी रक्षा हेतु यह सूत्र बांधती हूं. हे रक्षा, तुम कभी विचलित न होना.
विधि:
राखी बांधते समय इस मंत्र को तीन बार बोलें और मन में भाई के सुख, समृद्धि की कामना करें.
– भाई की दीर्घायु के लिए आशीर्वाद मंत्र
“दीर्घायुरस्तु मे भ्राता संगच्छत्वयमायुषा
जीवेत शरदः शतं”
अर्थ:
मेरा भाई दीर्घायु हो, और सौ वर्षों तक जीवन यापन करे.
विधि:
राखी बांधने के बाद तिलक करके यह मंत्र बोला जाता है.
– भाई की सफलता व विजय के लिए मंत्र
“जयतु भ्राता मे नित्यं सर्वत्र विजयी भव
आयुष्मान भव सौभाग्यं लभस्व सर्वद”
अर्थ:
मेरा भाई हर क्षेत्र में सफल हो, विजयी हो, और जीवन भर सौभाग्य प्राप्त करे.
विधि:
आरती करते समय या मिठाई खिलाने के बाद यह मंत्र बोला जा सकता है.
– आरती करते समय बोला जाने वाला शुभ मंत्र
“त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणा, त्वं लक्ष्मीः कमलालयां
त्वं सरस्वती विद्यां, रक्ष रक्ष स्वाहा”
अर्थ
हे देवी शक्ति, हे लक्ष्मी, हे सरस्वती – रक्षा करो, कल्याण करो.
विधि:
भाई की आरती उतारते समय यह मंत्र बोला जा सकता है, विशेषतः कन्याओं द्वारा.
– राखी उतारने के बाद मौन प्रार्थना मंत्र (मौन मन में बोले)
“स्नेहं सदा बन्धुजनेषु रक्ष,
भ्रातृ जीवनं तव अशुभं न पश्येत्
यशो वृद्धिं च आयुष्यम् प्रदेहि”
अर्थ:
हे ईश्वर, भाई का जीवन शुभ हो, उसका यश और आयु बढ़े, और वह सदा सुरक्षित रहे.
विधि:
यह मंत्र अंत में मन ही मन बोलना चाहिए, ताकि भावना और ऊर्जा भीतर से जुड़े.
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रक्षाबंधन पर बोले जाने वाले मंत्र केवल परंपरा नहीं, बल्कि धर्म, आस्था और ऊर्जा का साधन हैं. यदि इन्हें श्रद्धा और विधिपूर्वक बोला जाए, तो ये भाई-बहन के संबंध को आध्यात्मिक रूप से और भी मजबूत बना देते हैं.