Rakshabandhan 2025: रक्षाबंधन केवल एक सांस्कृतिक परंपरा नहीं, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता है. इस बार रक्षाबंधन का पर्व शनिवार 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा. बहन द्वारा भाई को राखी बांधने की प्रक्रिया प्रतीकात्मक रक्षा के साथ-साथ, ग्रहों की अशुभता को शांत करने का एक आध्यात्मिक माध्यम भी बन सकती है—यदि राखी का चयन भाई की कुंडली के अनुरूप किया जाए.
रुद्राक्ष राखी
यदि भाई के जीवन में शनि या राहु के कारण लगातार बाधाएं या मानसिक तनाव है, तो रुद्राक्ष से बनी राखी सबसे उपयुक्त होती है. इसकी ऊर्जा नकारात्मक प्रभावों को दूर करती है और जीवन में संतुलन व स्थिरता लाती है.
यह भी देखें: रक्षाबंधन पर बहनें कब बांधें राखी, जानें सही समय और इससे जुड़े धार्मिक नियम
लाल चंदन या मौली राखी
भाइयों की कुंडली में मंगल दोष, कोर्ट-कचहरी के मामले या रक्त संबंधी समस्याएं हों, तो उन्हें लाल चंदन या लाल मौली से बनी राखी बांधनी चाहिए. यह मंगल ग्रह की उग्रता को शांत करती है और आत्मबल को बढ़ावा देती है.
नीले या काले धागे की राखी
शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव हो, तो नीले या काले रंग की राखी रक्षा कवच का काम करती है. यह शनि के अशुभ प्रभावों को कम करने में सहायक होती है.
हरे रंग की राखी
बुध दोष या संप्रेषण, व्यवहार और निर्णय से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे भाइयों को हरे धागे की राखी बांधना शुभ होता है. यह व्यापारिक बुद्धि और संवाद कौशल को बढ़ाता है.
मंत्र युक्त या शिव प्रतीक वाली राखी
यदि भाई की कुंडली में कालसर्प योग या पितृ दोष है, तो “ॐ नमः शिवाय” या शिव-शक्ति के प्रतीक वाली राखी बांधना मानसिक और आध्यात्मिक संरक्षण देता है.
राखी बांधते समय ध्यान रखें
बहन को भाई के सुख, समृद्धि और दीर्घायु की प्रार्थना करनी चाहिए. तिलक, मिठाई और रक्षा मंत्र का उच्चारण करना अनिवार्य है, ताकि राखी केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि पूर्ण रूप से शक्तिशाली बन सके.
यह भी देखें: