Ramayana and Mahabharat Common Character: बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘रामायण’ को लेकर फैंस में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. हालांकि फिल्म की रिलीज़ में अभी समय है, लेकिन इसकी पहली झलक जल्द ही दर्शकों के सामने आने वाली है. बताया जा रहा है आज 3 जुलाई को 11 बजे ‘रामायण’ की पहली झलक पूरी दुनिया के सामने ऑफिशियली दिखाई जाएगी. आपको इससे पहले हम बताने जा रहे हैं वैसे किरदार के बारे में जो रामायण और महाभारत दोनों में मौजूद थे.
सनातन परंपरा के दो प्रमुख महाग्रंथ
भारतीय सनातन परंपरा के दो प्रमुख महाग्रंथ— रामायण और महाभारत, केवल धार्मिक शिक्षाओं और नैतिक सिद्धांतों का भंडार नहीं हैं, बल्कि इनमें ऐसे चरित्र भी समाहित हैं जिनकी उपस्थिति हर युग में प्रासंगिक बनी रहती है. इन्हीं कालातीत और दिव्य पात्रों में से एक हैं हनुमान जी, जिनका उल्लेख दोनों ग्रंथों में मिलता है.
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रामायण में हनुमान जी की भूमिका
रामायण में हनुमान जी की भूमिका अत्यंत प्रभावशाली और केंद्रीय है. वे रामभक्ति, बल, बुद्धि और विनम्रता के प्रतीक हैं. भगवान श्रीराम के प्रति उनका समर्पण, उनकी सेवा भावना और अद्भुत पराक्रम उन्हें रामकथा का नायक बना देता है. चाहे वह सीता माता की खोज हो, लंका दहन हो या संजीवनी लाने का प्रसंग— हर जगह हनुमान जी निस्वार्थ भाव से कार्य करते हैं. उनका जीवन पूरी तरह रामकाज में समर्पित रहता है, और वे भक्त व शक्ति का आदर्श रूप बनकर सामने आते हैं.
महाभारत में हनुमान जी की उपस्थिति
महाभारत में भी हनुमान जी की उपस्थिति एक प्रेरणादायी प्रसंग के रूप में दिखाई देती है. वनवास के दौरान भीम की एक पर्वत यात्रा के दौरान उनकी भेंट एक वृद्ध वानर से होती है, जिसकी पूंछ रास्ता रोक रही होती है. पूरी शक्ति लगाने के बावजूद भीम उसे हिला नहीं पाते, और तब पता चलता है कि वह वृद्ध वानर कोई और नहीं बल्कि स्वयं हनुमान जी हैं. इस प्रसंग से अहंकार त्यागने और विनम्रता अपनाने का पाठ मिलता है. इसके अतिरिक्त, महाभारत युद्ध के समय हनुमान जी अर्जुन के रथ की ध्वजा पर विराजमान रहते हैं, जो विजय और धर्म के प्रतीक स्वरूप है.
हनुमान जी की उपस्थिति इन दोनों महाग्रंथों में केवल एक पात्र के रूप में नहीं, बल्कि एक शाश्वत संदेशवाहक के रूप में है— कि सच्ची भक्ति, सेवा, साहस और विनम्रता से किसी भी संकट को पार किया जा सकता है. वे चिरंजीवी हैं, जो युगों-युगों तक धर्म की रक्षा में निरंतर संलग्न रहते हैं.