Roti Vastu Niyam: भारतीय संस्कृति में भोजन केवल शरीर की आवश्यकता नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक प्रक्रिया भी है. वास्तु शास्त्र में रोटी से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है. इनमें से एक महत्वपूर्ण परंपरा है रोटी की पहली और आखिरी रोटी का विशेष दान.
पहली और आखिरी रोटी किसे खिलानी चाहिए?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, रोटी बनाते समय पहली रोटी को किसी जरूरतमंद व्यक्ति को देना चाहिए. यह कार्य पुण्य का प्रतीक माना जाता है और इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है. वहीं, आखिरी रोटी को किसी पशु, जैसे कुत्ते को देना शुभ माना जाता है. ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं.
पहली और आखिरी रोटी से जुड़े नियम
- पहली रोटी: इसे बनाते समय उसमें हल्दी या गुड़ मिलाना शुभ माना जाता है. यह रोटी ताजी होनी चाहिए और इसे श्रद्धा भाव से देना चाहिए.
- आखिरी रोटी: इसे भी ताजा बनाना चाहिए और किसी पशु को देने से पहले उसमें कोई भी हानिकारक वस्तु नहीं होनी चाहिए. यह रोटी देने से पहले मन में सकारात्मक भाव होना आवश्यक है.
इन नियमों का पालन करने से रोटी का दान अधिक फलदायक होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.
यह करने से आएगी घर में आएगी बरकत
पहली और आखिरी रोटी का दान करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है. यह परंपरा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने में भी सहायक होती है. इसके अलावा, यह कार्य समाज में सेवा और दया की भावना को भी प्रोत्साहित करता है.
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