Sawan 2025 Kanwar Yatra Rules: सावन मास की शुरुआत आज 11 जुलाई 2025 से हो गई है. इसके साथ ही शिवभक्तों की आस्था और उत्साह का प्रतीक कांवड़ यात्रा प्रारंभ हो चुकी है. यह दिव्य यात्रा गंगोत्री, हरिद्वार, गौमुख, देवघर जैसे तीर्थस्थलों से पवित्र गंगाजल लाकर अपने-अपने शिव मंदिरों में अर्पित करने की परंपरा है. लाखों श्रद्धालु हर साल इस यात्रा में भाग लेते हैं, लेकिन यदि आप पहली बार कांवड़ यात्रा पर निकल रहे हैं, तो कुछ जरूरी नियम और सावधानियां ज़रूर जान लें, ताकि आपकी यात्रा सुरक्षित, सफल और पुण्यदायक हो सके.
कांवड़ की शुद्धता का रखें ध्यान
गंगाजल से भरी कांवड़ को कभी जमीन पर न रखें. इसके लिए विशेष स्टैंड या सहारा अवश्य लें. परंपरा के अनुसार बांस की छड़ी पर दोनों ओर पात्र लटकाए जाते हैं.
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सात्विक भोजन और संयम
यात्रा के दौरान मांस, शराब, लहसुन और प्याज का सेवन वर्जित होता है. सात्विक भोजन करें, संयमित जीवनशैली अपनाएं और वाणी में शुद्धता बनाए रखें.
वस्त्र और समूह पहचान
कांवड़िए अधिकतर भगवा या सफेद वस्त्र पहनते हैं. यह उनकी श्रद्धा का प्रतीक है. यदि समूह में यात्रा कर रहे हैं, तो एक जैसे वस्त्र पहनने से पहचान में सहूलियत होती है.
गंगाजल की पवित्रता
गंगाजल भरते समय सावधानी बरतें कि उसमें कोई अशुद्धि न मिले. जल पात्र को अच्छी तरह बंद करें. अगर जल गलती से गिर जाए, तो उसे दोबारा भरें.
प्रशासनिक निर्देशों का पालन
यात्रा के दौरान प्रशासन द्वारा तय मार्ग का अनुसरण करें. सड़क पर चलते समय ट्रैफिक नियमों का पालन करें और अनावश्यक ध्वनि, डीजे या शोरगुल से बचें.
स्वास्थ्य का रखें विशेष ध्यान
लंबी पैदल यात्रा के दौरान बीच-बीच में विश्राम करें. गर्मी से बचने के लिए टोपी, गमछा और पानी साथ रखें. प्राथमिक चिकित्सा किट रखें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह लें.
सामूहिकता और सेवा भाव
कांवड़ यात्रा व्यक्तिगत भक्ति नहीं, बल्कि सामूहिक श्रद्धा का उत्सव है. एक-दूसरे की मदद करें, सहयात्रियों का सम्मान करें और सेवा का भाव बनाए रखें.
कांवड़ यात्रा शिवभक्ति, अनुशासन और आत्मसंयम की अद्वितीय साधना है. यदि आप पहली बार जा रहे हैं, तो इन नियमों का पालन करके अपनी यात्रा को न केवल सफल बना सकते हैं, बल्कि शिव कृपा के विशेष पात्र भी बन सकते हैं.
हर हर महादेव!